डॉ मेहता ने उत्तराखंड के लिए काम करने की जताई इच्छा
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
रोजगार एवं विकास के लिए उत्तराखंड की ओर देश के औद्योगिक घरानों का रुख करेंगे डॉ मेहता ।
केंद्रीय मंत्री से भेंट कर उत्तराखंड के समग्र विकास में मिलकर कार्य करने की जताई इच्छा ।
देहरादून -उत्तराखंड में देश के उद्योगपतियों एवं औद्योगिक घरानों को यहां आने के लिए प्रेरित कर रहे चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया के सेक्रेटरी जनरल एवं सीईओ डॉ रंजीत मेहता का कहना है कि उत्तराखंड आज सबसे शांत एवं तेजी से विकसित होता जा रहा ऐसा राज्य है , जहां हर क्षेत्र में औद्योगिक घरानों के लोग निवेश कर यहां विकास , रोजगार एवं पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अपना उल्लेखनीय योगदान दे सकते हैं । डॉ मेहता उत्तराखंड के पहले व्यक्ति हैं जो इंडियन चैंबर्स आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के सेक्रेटरी जनरल एवं सीओ के गौरवशाली पद पर पहुंचे हैं । डॉ मेहता इस पद में पहुंचने के बाद लगातार भारत के औद्योगिक जगत का रुख उत्तराखंड की ओर करने में लगे हुए हैं । उन्होंने आज केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा से भेंट कर यहां के समग्र विकास के मुद्दों पर चर्चा की । उन्होंने उत्तराखंड में सड़कों के नियोजित ढंग से विस्तार पर मंत्री को बधाई देते हुए कहा कि यहां के विकास को गति देने के लिए औद्योगिक घरानों की उत्सुकता बढ़ती जा रही है ।
डॉ मेहता का कहना है की उत्तराखंड में हवाई सेवाओं की तात्कालिक जरूरत है । उन्होंने मंत्री से कहा हम सबको मिलकर उत्तराखंड को देश के विकसित राज्यों की टॉप सूची में लाने के लिए कार्य करना है । मैं स्वयं अपनी माटी का कर्ज उतारने के लिए विकास , रोजगार हेतु पलायन रोकना ही नहीं , पलायन कर चुके लोगों की पुनः घर वापसी के प्रयास में जुटा हुआ हूँ । केंद्रीय मंत्री ने डॉ मेहता की भावनाओं व प्रयासों का स्वागत करते हुए कहा उन्हें कोई संदेह नहीं है कि उनके सहयोग से उत्तराखंड के अच्छे दिन आने में और अधिक समय नहीं लगेगा ।
यहाँ कराहता रोगी जब मुस्कुरा कर लौटता है -
चम्पावत - मूल रूप से चंपावत जिले के रेगडू गांव के निवासी डॉ मेहता का कहना है कि उत्तराखंड में अद्वैत आश्रम मायावती का ऐसा धर्मार्थ चिकित्सालय है जहां रोगों से कराहते लोग खाली जेब जाकर जब मुस्कुरा कर लौटते हैं , यह सुनकर लोगों को आश्चर्य होता है । स्वामी विवेकानंद जी द्वारा स्वयं स्थापित इस चिकित्सालय की सेवाएं देखने पर पता चलता है कि आज भी इंसानियत जिंदा है । पर्यावरण संरक्षण की यहां मिसाल देखने को मिलती है । इस चिकित्सालय को वे ऐसा रूप देना चाहते हैं जिससे चंपावत एवं इससे लगे सभी जिलों के लोगों को सभी प्रकार की यहां निःशुल्क के चिकित्सा सुविधा मिले , जिसके लिए उन्हें आज तक मैदानी क्षेत्रों में जाना पड़ता था ।