राज्य योजना आयोग प्रभावी रूप से धरातल पर उतरेगा योजनाओं को
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
दूरगामी सोच के साथ उत्तराखंड के समग्र विकास का तैयार किया जा रहा है ढांचा - राजशेखर
देहरादून - उत्तराखंड राज्य योजना आयोग ( सेतु ) के कार्यों को धरातल पर लाने से पूर्व संगठनात्मक ढांचे को मजबूत कर उसे प्रभावी बनाने की दिशा में काम कर रहा है । आयोग के पास तमाम उत्तराखंड के समग्र विकास की योजनाएं हैं , लेकिन जब तक योजनाओं का क्रियान्वयन करने वाले लोग हर दृष्टि से सशक्त नहीं होंगे , तब तक सेतु की मंशा जमीन पर परिलक्षित नहीं होगी । सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी का कहना है कि , आयोग एक साथ विकास , रोजगार के अलावा दूरगामी सोच के साथ आने वाले जल व पर्यावरण संकट की गंभीर समस्या को लेकर भी कार्ययोजना बना रहा है । तीन दशक तक देश के नामी संस्थाओं से जुड़े एवं वर्तमान में भी कई प्रतिष्ठित फाउंडेशनों के सदस्य राजशेखर जोशी का कहना है कि उत्तराखंड के विकास के लिए साधनों की कोई कमी नहीं है । उनका मुख्य उद्देश्य विभिन्न कार्यक्रमों व योजनाओं का संचालन करने के साथ उन्हें मुकाम तक पहुंचना है । शुरुआती तौर पर आयोग ने कृषि , स्वास्थ्य , वन एवं पर्यावरण व शहरी विकास को लेकर राज्य में नए शहरों की स्थापना भी प्रस्तावित की जा रही है । मौन पालन को कुटीर उद्योग के रूप में संचालित कर शहद का ही नहीं बल्कि इससे रांयल जैली , मोम , पराग , प्रोपोलिस व मधुमक्खी के डंक विष का भी व्यावसायिक रूप से दोहन किया जाएगा । जिससे उत्पादकों की और आय में वृद्धि होगी । मौन पालन से परागण के कारण तीस फीसदी तक कृषि व बागवानी में स्वतः उत्पादन बढ़ने लगेगा । सेतु आयोग संसाधनों का दोहन कर कौशल विकास कार्यक्रम के जरिए रोजगार पैदा करने की दिशा में भी पहल कर रहा है । पलायन कर चुके लोगों को पुनः माटी से जोड़कर उन्हें घर में ही रोजगार देने की योजना पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है ।