चम्पावत के युवाओं की नशों में घुस रही है स्मैक
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
चम्पावत ( Champawat ) - जिले में स्मैक जैसे खतरनाक नशे का कारोबार इतना बढ़ चुका है कि अब यहाँ नशा युवाओं की नशों में घुसने लगा है । जिले के मैदानी क्षेत्र टनकपुर और बनबसा के बाद अब नशा पहाड़ चढ़ चुका है । चम्पावत और लोहाघाट में बीते कुछ ही वर्षों में स्मैक जैसे जानलेवा नशे ने जड़ें जमा ली हैं । यहाँ स्मैक का नशा कई युवाओं की जान भी ले चुका है , चाहे लोकलाज की वजह से इन कारणों को छुपा लिया गया हो । बीते कुछ ही सालों में चम्पावत और लोहाघाट में पुलिस ने भी कई स्मैक तस्करों को सलाखों के पीछे भेजा है लेकिन इस पर अंकुश लगाने में पुलिस भी नाकाम हुई है । स्मैक तस्करों को अगर पुलिस पकड़ने में नाकाम हो रही है तो ये सिर्फ पुलिस की नाकामी ही नहीं बल्कि लोगों की नाकामी भी है । क्योंकि इसका सीधा अर्थ है कि आप अपने आसपास हो रही तस्करी की सूचना पुलिस तक नहीं पहुंचा रहे हैं । आग लगाने वालों को नहीं है खबर -
आग लगाने वालों को नहीं है खबर , कि अगर हवाओं ने रूख बदला तो ख़ाक उन्हें भी होना पड़ेगा । अभी स्मैक की तस्करी करके लोगों के घरों को उजाड़ने वाले तस्करों को कतई खबर नहीं है कि भविष्य में उनके परिवार और उनके बच्चे भी स्मैक का नशा करना शुरू करेंगे । अगर यही हाल रहे तो एक समय ऐसा होगा जब हर कोई इस आग में झुलसेगा । फिर पकड़ा गया स्मैक तस्कर -
चम्पावत पुलिस द्वारा मादक पदार्थो की तस्करी के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान के क्रम मे थाना बनबसा क्षेत्र अंतर्गत पुलिस ने स्ट्राँगफार्म के निकट से अभियुक्त रामू गिरी पुत्र बजरंगबलि गिरी , उम्र 24 वर्ष , निवासी वार्ड नं० 05 , मीना बाजार , बनबसा , जिला - चम्पावत के कब्जे से 03.06 ग्राम स्मैक बरामद कर गिरफ्तार किया गया है । जगबूड़ा और वालिक बैरियर रोक देंगे 50 फ़ीसदी तस्करी -
चम्पावत जिले में प्रवेश करने के दो मुख्य मार्गों में दो ऐसे बैरियर जिनका नाम सुनते ही तस्करों के पसीने छूट जाते हैं । बनबसा का जगबूड़ा बैरियर और देवीधुरा के वालिक बैरियर में एक समय ऐसा था जब यहाँ नियमित चैकिंग होती थी । अगर आज भी इन बैरियरों में नियमित चेकिंग हो या पुलिस का तगड़ा पहरा हमेशा मौजूद रहे तो तस्करों के हौसले पस्त होंगे । इससे जिले में होने वाली तस्करी पर एक अनुमान के मुताबिक 50 फीसदी तक की रोक लगाई जा सकती है ।