पिरूल से बनेगा ईंधन , मिलेगा रोजगार औऱ सुरक्षित रहेंगे जंगल
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
से बनेगा ईंधन , मिलेगा रोजगार औऱ सुरक्षित होंगे जंगल
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रिपोर्ट - Uttarakhand hindisamachar.com
कुमाऊं - के चम्पावत जिला अंतर्गत भिंगराड़ा में अब पिरूल से ईंधन बनाने की तैयारियां लगभग पूर्ण हो चुकी हैं । अब भिंगराड़ा क्षेत्र में लोगों को रोजगार भी मिलेगा औऱ जंगल भी वनाग्नि से सुरक्षित रहेंगे । उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद ( यूकॉस्ट ) औऱ भारतीय पेट्रोलियम संस्थान ( आईआईपी ) द्वारा भिंगराडा में पिरूल से ईंधन बनाने की यूनिट के लिए वर्कशॉप , ट्रेनिंग औऱ डेमोस्ट्रेशन किया गया । पिरूल से ब्रिकेट्स बनेंगे औऱ उन ब्रिकेट का ईंट भट्टों में ईंधन के रूप में उपयोग किया जाएगा । वनाग्नि सुरक्षा नोडल अधिकारी तेजस्विनी पाटिल , डॉ कोको रोसो , डीएफओ रमेश चंद्र कांडपाल , एसडीओ नेहा चौधरी औऱ एएफसी कार्तिकेय द्वारा इस क्षेत्र का निरीक्षण किया गया । इस निरीक्षण के दौरान आईआईपी देहरादून के चीफ वैज्ञानिक डॉ पंकज आर्या के नेतृत्व में प्रभारी खण्ड विकास अधिकारी सुभाष चंद्र लोहनी , एनआरएलएम , बीएमएम व स्टाफ द्वारा पिरूल से ब्रिकेट बनाने के प्लांट का डिमोनस्ट्रेशन किया गया । इस दौरान रेंजर हिमालय सिंह टोलिया द्वारा पिरूल उपलब्ध कराने में पूर्ण सहयोग करने की बात कही गई । अगर भिंगराड़ा में पिरूल से ईंधन बनाने की ये यूनिट अच्छा काम करती है तो ऐसी यूनिट अन्य स्थानों में भी स्थापित कर उत्तराखंड के वनों को बचाया जा सकता है ।