दिया गुरुरानी के पहाड़ी उत्पाद , नहीं हैं किसी परिचय के मोहताज़
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
इन पहाड़ी उत्पादों से अपना स्वाद व जायका बदल रहे हैं सिक्ख तीर्थयात्री ।
हाथ से बने उत्पादों से ग्राहकों की डिमांड पूरी नहीं कर पा रही हैं यह मेहनती महिला ।
रीठासाहिब ( Reethasahib ) - विश्व पर्यटन के मानचित्र में अपनी अलग पहचान रखने वाले मीठे रीठे के चमत्कार के लिए प्रसिद्ध रीठासाहिब में गुरुरानी पहाड़ी स्वरोजगार की जागरूक महिला दिया गुरुरानी के द्वारा अपने उत्पादों के जरिए यहां आने वाले तीर्थ यात्रियों के मुंह का स्वाद व जायका बदला जा रहा है । गुरुरानी पहाड़ी स्वरोजगार में इन उत्पादों को बनाया जाता है -
यहाँ जड़ी बूटियां मिलाकर भंगुरे , पुदीना , गदरायण , तिमुर , पहाड़ी इलायची , जीरा , धनिया , अदरक आदि अनेक प्रकार के डेढ़ दर्जन नमक की किस्में सिलबट्टे में पीसकर तैयार की जा रही हैं । हर नमक का अपना अलग ही स्वाद -
यहाँ हर नमक का अपना अलग स्वाद और जायका है । जिन्हें यहां आ रहे तीर्थ यात्री काफी पसंद कर रहे हैं । इसके अलावा यहां बिच्छू घास में स्थानीय जड़ी बूटियां मिलाकर ग्रीन टी भी तैयार की जा रही है । जिसे पीने वाले लोगों का कहना है इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हो रही है । दिया गुरुरानी के उत्पाद छोड़ रहे हैं अपनी पहचान -
इस उद्यम को गुरुद्वारा रीठा साहिब के प्रबंधक बाबा श्याम सिंह भी प्रोत्साहित कर रहे हैं । यहां दिल्ली से आए तीर्थ यात्री दिलबाग सिंह , रोहन सिंह , दलजीत सिंह का कहना है कि पहाड़ी जैविक उत्पादों का अपना अलग ही स्वाद है । वह यहां के उत्पादों को अपने रिश्तेदारों के लिए भी ले जा रहे हैं । लाजवाब स्वाद और मधुर व्यवहार -
गुरुरानी पहाड़ी स्वरोजगार को संचालित कर रही दिया गुरुरानी के उत्पादों का जितना लाजवाब स्वाद है उतना ही उनका अपने ग्राहकों के लिए मधुर व्यवहार भी है । लौकी - उड़द , पेठा - उड़द , ककड़ी - उड़द बड़ी के साथ अब कद्दू - उड़द की बड़ी भी बना रही हैं । कद्दू की बड़ी को बीपी नियंत्रित करने के लिए उपयुक्त माना जा रहा है । आंवला , अदरक एवं पहाड़ी केले की कैन्डी का भी अपना अलग स्वाद है । दिया गुरुरानी अपनी टीम के साथ हर उत्पाद को बहुत ही सफाई के साथ तैयार करती हैं । उनका ऐसा व्यवहार है कि इनके पास ग्राहकों की कोई कमी नहीं है , किंतु हाथ से उतना उत्पादन नहीं बना पाती हैं और मशीन खरीदने के लिए क्षमता नहीं है ।स्वरोजगार के साथ औरों को भी दे रही हैं रोजगार -
जिले की परियोजना निदेशक एवं महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाते आ रही बिम्मी जोशी का कहना है कि दिया गुरुरानी एक काफी मेहनती एवं ऐसी जीवट महिला है जिन्होंने स्वयं को रोजगार से जोड़ने के साथ कई अन्य महिलाओं को भी इस कार्य में लगाया हुआ है । वास्तव में उनके उत्पादन की मांग के अनुसार उन्हें मशीन खरीदने के लिए किसी सीएसआर की मदद की आवश्यकता है ।