ध्यान रहे : दीपावली में आपकी खुशी किसी की मौत का कारण न बने
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
कुमाऊं - लोग मानते हैं कि ज्योति पर्व के अवसर पर पटाखों के धमाके किए बगैर त्यौहार की खुशियां धूमिल पड़ जाती हैं । यदि इसमें थोड़ी सी असावधानी हो जाए तो पूरा जीवन ही बर्बाद हो जाता है । पटाखों से पैदा होने वाले वायु एवं ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए चिकित्सकों की राय में पटाखों के धमाकों का शोर कम होना चाहिए । सीएमओ डॉ देवेश चौहान ने दीपावली पर्व को देखते हुए जिला चिकित्सालय में चार बैंड का बर्न वार्ड तैयार किया है जिसमें सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं । इसी प्रकार टनकपुर एवं लोहाघाट के चिकित्सालयों को भी अलर्ट मोड में रखा गया है । सीएमओ ने लोगों को आगाह किया है कि वे छोटे बच्चों के हाथों में पटाखे कदापि न दें । अगर आप कुछ पटाखे फोड़ भी रहे हैं तो उस वक्त फुल आस्तीन के कपड़े अवश्य पहनने चाहिए । साथ ही उस स्थान में ठंडा पानी अवश्य रखा जाए । जिससे आग से झुलसने पर पानी फर्स्टएड के रूप में प्रयोग किया जा सके । उनका यह भी कहना है पटाखों से जलने पर वह शरीर के अन्दर तक जख्म पैदा कर देता है । लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय की सीएमएस डॉ सोनाली मंडल का कहना है कि पटाखों के धमाकों की आवाज हर प्राणी के लिए बेहद खतरनाक होती है । गर्भवती महिलाओं के लिए तो यह और भी खतरनाक होती है । धमाकों की आवाज से उन्हें दूर रखने के साथ धूल एवं धुएं से भी बचाया जाना चाहिए । कभी - कभी तो धमाकों की आवाज से समय से पूर्व गर्भवती महिला का प्रसव हो जाता है । दुग्ध संघ के पशु चिकित्सक डॉ अमित कुमार के अनुसार धमाकों की आवाज पशु पक्षियों को गोली की तरह लगती है । इससे गाय आदि पशु तनाव में आ जाते हैं । जिससे उनका दूध भी कम हो जाता है । पशु एकदम भयाक्रांत हो जाते हैं । इसी प्रकार पक्षियों के छोटे - छोटे बच्चों की मौत तक हो जाती है । शरद ऋतु आने से पूर्व पक्षियों का प्रजनन काल पूरा होता है । ऐसे में दीपावली की खुशियां इन जानवरों व पक्षियों के लिए तो अभिशाप बन जाती है । जिसे देखते हुए पटाखों का कम से कम प्रयोग करते हुए और उससे जानवरों को अलग रखा जाना चाहिए । कुत्तों पर भी इसका बुरा असर पड़ता है । यहाँ तक कि कुत्ते खाना - पीना तक छोड़ देते हैं ।आपकी खुशियां न बन जाएं किसी की मौत का कारण -
अगर आप सोचते हैं कि अधिक पटाखे फोड़कर आपकी शान में चार चांद लगते हैं तो आप गलत हैं । अगर आपको अपनी शान में चार चांद लगाने ही हैं तो उस व्यक्ति की तलाश करो जो पैसों के अभाव में दीपावली की खुशियों से दूरी बना रहा है । कभी किसी गरीब के बच्चे को फुलझड़ी का पैकेट गिफ्ट करके तो देखो , आपके मन को सुकून भी मिलेगा और आपकी रौनक में चार चांद भी लगेंगे । इस बात का ध्यान जरूर रखें कि बड़े पटाखों से आसपास रहने वाले पक्षियों के छोटे बच्चों की मौत भी हो सकती है । अब आप ही बताओ उसे क्या कहेंगे जो अपनी खुशियों के बदले किसी के निरीह बच्चों की मौत का कारण बनेगा ?