वाहन नदी में गिरा , नौ लोग थे सवार
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
रिपोर्ट - गणेश दत्त पाण्डेय
कुमाऊं - में सोमवार की शाम लोहाघाट नगर के समीप शिवालय मंदिर के पास उस समय नदी से चीखने - चिल्लाने की आवाज सुनाई दी , जब हमेशा चहल - पहल में रहने वाले इस स्थान में ठंड के कारण खामोशी छाई हुई थी । इसी दौरान पेट्रोलिंग करते तहसीलदार जगदीश नेगी वहां से गुजर रहे थे । उन्होंने चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर नीचे देखा तो एक वाहन नदी में उलटा पड़ा था । वाहन चालक सहित सभी सवारियां पानी से भीगी हुई थी तथा ठंड व चोट के कारण सभी कराह रहे थे । तहसीलदार ने नदी में जाकर अपने साथ गए लोगों को रेस्क्यू करने को कहा तथा स्वयं पुलिस प्रशासन व आपात सेवा को घटना की जानकारी दी । रेस्क्यू के दौरान पता चला कि मध्य प्रदेश के भिंड जिले के युवक टेरिटोरियल आर्मी में भर्ती होने के लिए पिथौरागढ़ आए हुए थे । जो यूके 06 टीए 6945 से टनकपुर की ओर लौट रहे थे । लोहाघाट में कुछ देर रुकने के बाद उन्होंने मुश्किल से 5 मिनट का सफर तय नहीं किया था कि वाहन नदी में समा गया । इसी दौरान एसएचओ अशोक कुमार ने पुलिस , फायर ब्रिगेड के साथ घायलों को सड़क में लाने का काम शुरू किया । इस कार्य में नगर पंचायत के सुमित गडकोटी व अजय ढेक ने भी काफी मदद की । तहसीलदार ने सभी घायलों को जिला चिकित्सालय भेजने की व्यवस्था करने से पूर्व वहां के सीएमएस डॉ प्रदीप बिष्ट को घटना की जानकारी दे दी थी । तब तक वहां डॉक्टरों व पैरामेडिकल की टीम मुस्तैद हो गई थी । जिससे घायलों के आते ही वहां डॉक्टरों ने उनका उपचार शुरू कर दिया । सीएमएस डॉ बिष्ट ने पांच घायलों के घटना में बेहोश होने के कारण उनका प्राथमिक उपचार करने के बाद सीटी स्कैन करवाया। शेष अन्य घायलों का भी उपचार जारी रहा । सीएमएस के अनुसार चालक सहित सभी युवकों की हालत खतरे से बाहर है तथा सभी को ऑब्जर्वेशन में रखा गया है । घटना का समाचार मिलते ही पूर्व पालिकाध्यक्ष विजय वर्मा , व्यापार संघ के अध्यक्ष विकास शाह , हरीश शक्टा , सामाजिक कार्यकर्ता अनु अधिकारी मदद के लिए वहां पहुंच गए । पानी से भीगने एवं चोट लगने के कारण सभी घायल सहमे हुए थे । सोमवार की रात को अपेक्षाकृत ठंड भी अधिक थी इसीलिए लोगों ने घायलों के पहनने के लिए गर्म कपड़े व कंबल उपलब्ध कराए । जबकि सीएमएस डॉ बिष्ट ने भी भरपूर मदद कर घायलों को ठंड से बचाया ।भोलेनाथ ने थाम ली नौ लोगों की जिंदगी -
घटना स्थल ऐसा खतरनाक था कि वहां की स्थिति को देखते हुए किसी के बचने की उम्मीद नहीं की जा सकती थी लेकिन समीप ही क्षेत्र के प्रसिद्ध रिश्वेश्वर महादेव ने सभी को थाम कर उनका जीवन बचा लिया । हर कोई व्यक्ति इसे दैवीय शक्ति का चमत्कार मान रहा है ।घटनास्थल में संकेत बोर्ड एवं लगाया जाएगा क्रैश बैरियर -
राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिशासी अभियंता आशुतोष ने बताया कि इस दुर्घटना स्थल में स्थाई रूप से संकेत बोर्ड एवं क्रैश बैरियर लगाए जाएंगे । इस स्थान में पूर्व में भी इसी प्रकार की दुर्घटनाएं होना बताया जा रहा है ।दुर्घटनाग्रस्त वाहन में ये लोग थे सवार
दुर्घटनाग्रस्त वाहन में जीत सिंह यादव 32 पुत्र रविंद्र सिंह , निशांत ओझा 18 पुत्र राजेश ओझा , रघुराज 23 पुत्र वीरेंद्र , अंशुल 20 पुत्र निर्मल , सचिन 20 पुत्र हर चरण , प्रमोद पंत चालक 43 पुत्र राधा वल्लभ , विजेंद्र 26 पुत्र भगवान सिंह , अर्जुन यादव 23 पुत्र जिले लाल , शेर सिंह 21 पुत्र जितेन्द्र सिंह सवार थे ।भगवान भोलेनाथ और स्थानीय लोगों व यहाँ के प्रशासन को कभी नहीं भूलेंगे -
घायल निशांत के पिता राजेश ओझा ने फोन पर बताया कि सभी घायलों को भगवान शिव ने बचा लिया और यहां के नागरिकों , पुलिस व प्रशासन ने उनकी दुःख की घड़ी में मदद करने के साथ आत्मीय व्यवहार किया जिसे वह कभी नहीं भूल सकते हैं ।पल - पल की जानकारी ले रहे थे सीएम -
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी घटना की स्थिति व घायलों की जानकारी पल - पल ले रहे थे । उन्होंने सभी युवाओं को बेहतर उपचार देने के साथ उनकी सहायता करने वाले पुलिस , फायर कर्मी , तहसीलदार जगदीश नेगी , जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों एवं लोगो द्वारा घायलों की सहायता एवं उनके साथ संवेदनशील व्यवहार करने के लिए सभी को बधाई देते हुए कहा सभी ने मध्यप्रदेश के लोगों को देवभूमि के अपने संस्कारों का परिचय दिया है ।चालक ने पी थी शराब -
घायल युवाओं ने बताया कि , लोहाघाट में कुछ समय रुकने के बाद चालक ने उनसे कहा कि जल्दी - जल्दी खाना खा लो और युवाओं ने केले खाकर पेट भर लिया । घायलों ने बताया इसी दौरान चालक ने अपने हलक में शराब उड़ेल ली थी । उसके मुंह से शराब की दुर्घन्ध भी आ रही है थी ।तहसीलदार नेगी ना होते तो पता नहीं चलता घटना का -
तहसीलदार जगदीश नेगी के ऐन मौके पर दुर्घटना स्थल पर पहुंचने से घायलों का शीघ्र रेस्क्यू करने व उन्हें उपचार देने में काफी मदद मिली । मौके में सभी घायलों को यह भी मालूम नहीं कि था की वह कहां है ? सभी लोग बेहद सहमे हुए थे । तहसीलदार को जानकारी मिली थी कि , कुछ भर्ती होने आए युवाओं को वाहन न मिलने से वह पैदल ही जा रहे हैं । वह उन्हें खोजने एवं उनके भोजन व रहने की व्यवस्था कर सकें इसलिए वे पैट्रोलिंग पर निकले थे ।