भूख भालू को खींच लाई मौत के करीब
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
जोशीमठ - पहाड़ के जंगल वनाग्नि से खोखले होते जा रहे हैं । पहाड़ के जंगलों का पारिस्थितिकी चक्र डगमगा चुका है , जिसके चलते अब पहाड़ों में जंगली जानवरों का आतंक आम हो गया है । जंगल की आग से वनस्पतियां समाप्त होने की कगार पर हैं और शाकाहारी जानवरों को शाकाहार नसीब नहीं हो रहा है , जिसके चलते मांसाहारी जानवर आबादी की ओर रूख कर रहे हैं । जोशीमठ के परसारी गांव में खाने की तलाश में एक भालू का बच्चा आबादी के करीब पहुंच गया । जब उसे कुछ नही दिखा तो उसने एक घर के सामने पड़े कनस्तर में मुंह डाल दिया । लेकिन उसका सिर कनस्तर के भीतर फंस गया । 4 घंटे की मशक्कत के बाद वन कर्मियों ने भालू को कनस्तर से मुक्त करके जंगल में छोड़ दिया है लेकिन ये दृश्य भविष्य के लिए चिंता बढ़ा गया है । भोजन की तलाश में जंगली जानवरों का आबादी क्षेत्रों की ओर रूख करना भविष्य के लिए खतरे का अलार्म है । बताया जा रहा है भालू की उम्र करीब एक साल है । जानकारी के मुताबिक बुधवार दोपहर करीब एक बजे भालू का बच्चा खाने की तलाश में परसारी गांव के एक घर तक जा पहुंचा । भालू के बच्चे ने कुछ खाने के लिए कनस्तर में मुंह डाला । मगर कनस्तर का मुंह छोटा होने के कारण भालू का सिर बाहर नहीं निकल पाया । भालू कनस्तर के साथ ही एक घर की सीढि़यों तक पहुंच गया । भालू कुछ देर तक ऐसे ही घूमता रहा । लोगों ने जब यह देखा तो सूचना वन विभाग को दी । नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के वन क्षेत्राधिकारी गौरव नेगी ने बताया कि सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची । वन कर्मियों ने कनस्तर को काटकर शाम करीब पांच बजे भालू के बच्चे को मुक्त कराया और जाल में पकड़ लिया । इसके बाद उसे जंगल में छोड़ दिया है लेकिन जानवरों का भोजन की तलाश में आबादी क्षेत्रों की ओर रूख करना निकट भविष्य के लिए खतरे की घण्टी है ।