मॉडल जिले में नहीं मिला न्याय , अब कोर्ट की शरण
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
चम्पावत ( Champawat ) - जिले को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मॉडल जिला बनाने के प्रयास कर तो रहे हैं लेकिन जिले के कई विभाग इस परिकल्पना पर पलीता लगा रहे हैं । जिले के रीठा साहिब में कुछ ग्रामीणों ने अपनी जमीन गुरुद्वारा प्रबंधन के कब्जे से छुड़ाने के लिए तहसीलदार , उपजिलाधिकारी , जिलाधिकारी और यहाँ तक कि कुमाऊं कमिश्नर से भी गुहार लगाई लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात रहा । बरसों बीत गए लेकिन आज तक इन ग्रामीणों को न्याय नहीं मिल पाया है ।कुमाऊं कमिश्नर ने दिए थे जांच के निर्देश -
कुमाऊं कमिश्नर ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे और ग्रामीणों की बात सुनकर न्याय दिलाने की बात भी कही थी ।जिलाधिकारी के निर्देश हो गए बेअसर -
जिलाधिकारी नवनीत पाण्डेय ने भी इस मामले पर जांच के आदेश दिए थे लेकिन आज तक ग्रामीणों को न्याय नहीं मिल पाया है । मॉडल जिले में जिलाधिकारी के आदेश भी बेअसर हो चुके हैं । यहाँ ग्रामीणों को आज तक न्याय नहीं मिल पाया है , जिससे अब जिलाधिकारी की कार्यप्रणाली की गति को सुस्त कहा जाने लगा है ।जांच के नाम पर हो रही है खानापूर्ति -
ग्रामीणों का कहना है उनकी जमीन आज तक गुरुद्वारा प्रबंधन के कब्जे से नहीं छुड़ाई गई है । आज तक उन्हें उनकी जमीन नहीं मिल पाई है । ग्रामीणों का कहना है , जांच टीम आती है और मौखिक तौर पर कहती है कि जमीन तुम्हारी है लेकिन न लिखित देती है और न ही कब्जा छुड़ाती है ।राजस्व विभाग का गोलमोल जवाब -
राजस्व विभाग का कहना है ये साझे खाते की जमीन है लेकिन संबंधित विभाग इस मामले में गोलमोल जवाब देता हुआ नजर आ रहा है । बड़ा सवाल तो ये है कि इन ग्रामीणों की जमीन पर विभाग आज तक निर्णय क्यों नहीं ले पाया ? इतने लंबे समय बाद भी अगर विभाग ग्रामीणों की जमीन चिन्हित नहीं कर पाया है तो इसका क्या अर्थ निकाला जा सकता है ? सब मिलीभगत है , अब जाएंगे कोर्ट -
ग्रामीणों ने उत्तराखंड हिंदी समाचार से दूरभाष पर हुई बातचीत में कहा जांच के नाम पर सब मिलीभगत हो रही है । जांच टीम के कुछ लोग उनकी जमीन दिलाने में मदद करने के बजाय समझौते की बात कर रहे हैं । ग्रामीणों ने इस मामले पर मिलीभगत का आरोप लगाया है । उनका कहना है जांच के नाम पर खानापूर्ति हो रही है । कई बार जांच हो चुकी है लेकिन उन्हें उनकी जमीन नहीं मिल पाई है । अब उन्होंने इस मामले पर मिलीभगत का आरोप लगाया है । उन्होंने अब इस मामले को लेकर कोर्ट जाने की बात कही है । इसके साथ - साथ उन्होंने कहा उन लोगों को भी कटघरे में खड़ा किया जाएगा , जो अपनी जिम्मेदारी निभाने के बजाय मिलीभगत में लगे हुए हैं । चाहे वो किसी भी उच्च पद पर आसीन हों । अब बड़ा सवाल तो ये है कि , अगर मॉडल जिले में गरीब तबके के लोगों को छोटे - छोटे मामलों पर भी कोर्ट की शरण में जाना पड़ रहा हो , तो अंदाजा लगाइए कि जिले की व्यवस्था कितनी उलझी हुई है ।