लाचारी : टैक्सी की छत में भाई का शव ले गई बहन
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
हल्द्वानी ( Haldwani ) - से आ रही दुःखद खबर ने हर उस इंसान को झकझोर कर रख दिया है , जिसने ये खबर सुनी । इंसान की गरीबी से उसकी लाचारी इतनी अधिक बढ़ जाती है कि साहस बिखर जाता है । हल्द्वानी से एक ऐसा दुःखद मामला सामने आया है कि हर कोई सुनने वाला हैरान और परेशान है । यहाँ एक मजबूर बहन को अपने भाई का शव टैक्सी की छत में बांधकर ले जाना पड़ा । लेकिन उस वक्त इंसानियत की झूठी बातें करने वाले कोई भी लोग मदद को आगे नहीं आए । एक बहन अपने भाई के शव को 200 किलोमीटर दूर टैक्सी की छत में बांधकर ले गई । एक बहन की मजबूरी देखने वाले इंसानों की वजह से आज इंसानियत शर्मसार हो गई । यहाँ लोग मदद को आगे नहीं आए और एक बार फिर इंसानियत सिर्फ़ बातों तक सिमट गई ।हल्द्वानी से पिथौरागढ़ ले गई शव -
पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग अंतर्गत तमोली ग्वीर निवासी शिवानी अपने भाई को हल्द्वानी से पिथौरागढ़ के लिए टैक्सी की छत पर ले गई । पूरे 200 किलोमीटर शव को टैक्सी की छत पर बांधकर ले जाना बड़ी मजबूरी और समाज की उदासीनता को दर्शाता है ।बेहतर भविष्य की आस में भाई खो दिया -
बताया जा रहा है , शिवानी के पिता गोविंद प्रसाद खेती - बाड़ी करके जीवन यापन करते थे । परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण शिवानी को रोजगार के सिलसिले में हल्दूचौड़ आना पड़ा । शिवानी को उम्मीद थी कि , वह अपनी मेहनत से परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार लेगी । इसीलिए उसने अपने 20 वर्षीय भाई अभिषेक को हल्दूचौड़ बुलाया । शिवानी और अभिषेक किराए के कमरे में रहते थे । एक दिन अचानक अभिषेक के सिर में दर्द होने लगा तो वो घर चला गया लेकिन रेलवे पटरी के पास वो बेसुध हो गया । आनन - फानन में उसे सुशीला तिवारी अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया ।पोस्टमार्टम के बाद की कहानी ने सबको झकझोर कर रख दिया -
पोस्टमार्टम के बाद जब शव को घर ले जाने की बारी आई तो शिवानी को मजबूरन उसे टैक्सी की छत में ले जाना पड़ा । मिली जानकारी के मुताबिक एम्बुलेंस वालों ने किराया करीब 12 हजार रुपये बताया , जो उसके पास नहीं थे ।लोग बन गए मूक दर्शक -
मिली जानकारी के मुताबिक शिवानी ने लोगों से मदद की अपील की लेकिन लोग मूक दर्शक बन गए । शिवानी को कोई सहारा नहीं मिला और इंसानियत शर्मसार हो गई । जिसके बाद शिवानी ने एक टैक्सी मालिक से संपर्क किया । जिसके बाद एक बहन अपने भाई के शव को टैक्सी की छत में बांधकर हल्द्वानी से करीब 200 किलोमीटर दूर बेरीनाग ले गई । ये घटना न सिर्फ गरीबों के संघर्ष को उजागर करती है बल्कि उन सम्पन्न लोगों की सूक्ष्म मानसिकता को भी दर्शाती है जो मदद के समय मूकदर्शक बन गए ।