वीडियो : मॉडल जिले की मॉडल हकीकत
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
चम्पावत ( Champawat ) - उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्र की विधानसभा खटीमा में हार का मुंह देखने के बाद उत्तराखंड की पर्वतीय विधानसभा चम्पावत से उस वक्त के विधायक स्व कैलाश गहतोड़ी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट छोड़ दी । जिसके बाद चम्पावत विधानसभा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को रिकार्ड मतों से जिताया । जिसके बाद मुख्यमंत्री धामी ने चम्पावत जिले को मॉडल जिला बनाने की बात कही । लेकिन आज सालों बीत गए हैं और जिला मॉडल बनना तो दूर की बात है यहाँ की परिवहन व्यवस्था तक मॉडल नहीं बन पाई । वीडियो का लिंक खबर के अंत में दिया गया है । जी हाँ , मुख्यमंत्री के मॉडल जिले में रोडवेज की व्यवस्था दम तोड़ रही है । खराब परिवहन व्यवस्था पर जिले की लोहाघाट विधायक भी नाराज हैं और पूर्व पालिकाध्यक्ष व व्यापारियों ने भी दी आंदोलन की धमकी दी है । मॉडल जिले में बदइंतजामी के कारण रोडवेज जैसा महत्वपूर्ण विभाग दम तोड़ने लगा है । हाल ही तक सर्वाधिक आय और अधिक किलोमीटर तय करने वाली लोहाघाट डिपो की बसें , उत्तराखंड के पर्वतीय जिलो में अपना अहम रोल अदा करती थी । इस बार डिपो को Bs-6 मॉडल की 12 बसें मिली हैं और उनका संचालन दिल्ली आदि स्थानों के लिए किया जाने लगा । 43 बसों के बेड़े वाले इस डिपो में 23 बसें डिपो कार्यशाला में खड़ी हैं । वीडियो का लिंक खबर के अंत में दिया गया है । यहां सुबह 7:00 से 9:00 बजे के बीच कोई भी बस संचालित नहीं होती है । लोहाघाट से कोटद्वार , कानपुर , चंडीगढ़ , लोहाघाट से वाया देवीधूरा - देहरादून तथा लोहाघाट से सिमलखेत होते हुए अल्मोड़ा - रानीखेत चलाने की मांग क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि करते आ रहे हैं । लेकिन इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है । रोडवेज के एजीएम धीरज वर्मा का कहना है कि डिपो कार्यशाला में स्टाफ और कलपुर्जों की कमी के कारण बेहतर परिवहन सुविधा देने में बाधा आ रही है । 23 बसें अपना मानक पूरा कर चुकी है । यहाँ रिटायर कर्मियों के स्थान पर नए लोग नहीं आ रहे है । क्षेत्रीय विधायक खुशाल सिंह अधिकारी रोडवेज की व्यवस्था से खासा नाराज हैं ।उनका कहना है कि लोहाघाट का रोडवेज ऐसा डिपो है , जिसकी ग्रामीण क्षेत्रों में एक भी बस नहीं चलती है । उनका यह भी कहना है कि डिपो में बसों का संचालन न होने के कारण तमाम कर्मचारी बगैर काम का वेतन ले रहे हैं , उन्हें खाली बैठे स्वयं शर्म आ रही है । यहां कई जिम्मेदार पदों में बैठे कर्मचारी व अधिकारी अपने तबादलों के चक्कर में रहते हैं । वीडियो का लिंक खबर के अंत में दिया गया है । पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष गोविंद वर्मा , व्यापार सघ के अध्यक्ष मनीष जुकरिया , व्यापारी नेता दानू भाई का कहना है कि यदि शीघ्र व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो उन्हें आंदोलन करने से कोई नहीं रोक सकता है । जनपदवासियों का कहना है क्या मॉडल जिले के अंतर्गत परिवहन व्यवस्था को दुरुस्त करना शामिल नहीं है ?
अगर शामिल है तो परिवहन व्यवस्था को दुरुस्त क्यों नहीं किया जा रहा है ? लोगों का कहना है अगर जिले में शीघ्र परिवहन व्यवस्था को दुरुस्त नहीं किया जाता है तो फिर ऐसा मॉडल जिला मुबारक हो आपको ।वीडियो देखने के लिए नीचे दिए लिंक पर टच करें -
https://youtu.be/LnGDRSd-fTQ?si=m9oNer8vEijfek72