साक्षरता का पाठ पढ़ाती है शिक्षक गहतोड़ी की कविता
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
देहरादून - उत्तराखंड के सुदूर सीमावर्ती जिले चम्पावत के पाटी विकासखंड अंतर्गत राजकीय प्राइमरी विद्यालय रौलमेल के शिक्षक जगदीश चन्द्र गहतोड़ी अपनी कविता के माध्यम से भारत के हर बच्चे को साक्षरता का पाठ पढ़ाने की बात करते हैं । वो कहते हैं भारत का हर बच्चा समझदार और बुद्धिमान बने ।
निपुण
उद्देश्य निपुण के बड़े महान
मैं बढूं , हम बढें , तुम बढ़ो , भारत का बच्चा - बच्चा बने सुजान ;
दक्षता की वृद्धि का अर्जन पाकर
हों प्राप्य संकल्प के सारगर्भित प्रमाण ,
लेकर मूलभूत साक्षरता और संख्याज्ञान ।
वाचिक , शाब्दिक , शब्दांश का सार
शुद्धता के साथ बढ़ता शब्द भण्डार ,
ध्वनि की जागरूकता विचारों का लेखन ;
समझ के साथ , स्वतन्त्र पठन सुनते और गाते हम - सब निपुण गान ,
लेकर मूलभूत साक्षरता और संख्याज्ञान ।
शून्य की अवधारणा को गति दे , चलें 1, 2 , 3
मिले समानता सबको , मेष से लेकर मीन ,
गिनती , जोड़ , घटाने , मापन का ले आकार ;
पहाड़े , गुणा , भाग सिखायें , करें सपने साकार
बुनियाद को सहारा दें , बढ़ाएं अपना मान ,
लेकर मूलभूत साक्षरता और संख्याज्ञान ।
पढ़ने की आदत पर टिकते आकलन के महल कहती ,
राष्ट्रीय साक्षरता और संख्या ज्ञान की पहल ,
हमारा तुम्हारा मिलकर , बना भारत का सपना ;
सब बच्चे समझें भाषा और गणना
शिक्षा नीति 2020 से निकला निपुण प्रेरणा गान ,
लेकर मूलभूत साक्षरता और संख्याज्ञान ।
( स्वरचित , मौलिक व सर्वाधिकार सुरक्षित रचना एवं परिकल्पना )
जगदीश चन्द्र गहतोड़ी
( सहायक अध्यापक ) रा० प्रा० वि० - रौलमेल विकासखण्ड - पाटी , जिला - चम्पावत , उत्तराखंड ।