तबाही बनी जंगल की आग , कौन भोगेगा इसका पाप ?
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
तबाही बनी जंगल की आग , कौन भोगेगा इसका पाप ?
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रिपोर्ट - Uttarakhandhindisamachar.com
कुमाऊं - मनुष्य का जब तक प्रकृति से अटूट रिश्ता बना था , तब तक पर्यावरण की कोई समस्या पैदा ही नहीं हुई । जबसे मनुष्य ने प्रकृति से अपना रिश्ता तोड़ कर लालच करना शुरू किया , तभी से प्रकृति ने अपना स्वभाव ही बदल दिया है । यदि समय रहते हमारी चेतना जागृत नहीं हुई तो हम भावी पीढ़ी के लिए हरे - भरे जंगलो के स्थान पर नंगे पहाड़ व रेगिस्तान विरासत में छोड़ जायेंगे । यह बात आईटीबीपी की 36वीं वाहिनी के कमांडेंट डीपीएस रावत ने वाहिनी द्वारा संचालित " मिशन लाईफ स्टाईल फॉर इन्वायरमेंट " कार्यक्रम के तहत जन जागरूकता अभियान के दौरान कही । उन्होंने कहा गंगा , यमुना का उद्गम हिमालयी क्षेत्र में आज एक एक बूंद पानी के लिए हम सब तरस रहे हैं , इसका कारण मनुष्य का वह लालच है , जिसने अपने थोडे़ से लाभ के लिए प्रकृति के श्रंगार उन पेड़ों को निर्ममता से उजाड़ दिया , जो जन्म से लेकर मृत्यु तक हमसे परछाई की तरह आत्मसात करते आ रहे हैं । कमांडेंट ने बड़े मार्मिक एवं भावुक अंदाज में कहा जंगलों में आग लगाकर हम अपने उन पूर्वजों की भावनाओं व उनके सम्मान को आघात पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं , जिन्होने विरासत में यह जंगल हमें दिये थे । यही सोचते हुए कि हम भी इन्हें सुरक्षित रखते हुए पीढ़ी दर पीढ़ी इस स्वस्थ्य परंपरा के संवाहक बने रहेंगे । उन्होंने कहा कि जंगलों को आग के हवाले कर हम प्रकृति को कितना नुकसान पहुंचा रहे हैं , उसकी भरपाई में बहुत लंबा समय लगेगा । देवभूमि में जंगली आग से वन्य जीवों का जो संसार समाप्त होता जा रहा है , इस अभिशाप से मनुष्य अपने आप को कैसे बचायेगा , यह हर वक्त सोचने का विषय बन गया है । मौसम चक्र में बदलाव आने से समय से वर्षा न होना , बाढ़ , भू-स्खलन , गंभीर जल संकट आदि का अभिशाप झेलना मनुष्य इसे नियति का चक्र मान बैठा है । जबकि इसके लिए हम सब गुनाहगार है , उन्होंने दावा किया कि प्रकृति से आत्मसात कर अपनी लाईफ स्टाईल बनाने से व्यक्ति कभी बीमार हो ही नहीं सकता , प्रकृति के बीच रहने से हमारे विचार ही बदल जाते हैं यह प्रकृति द्वारा हमें वरदान मिला है । इस अवसर पर उन्होंने सुई से गलचौडा तक बाईक रैली में शामिल होकर लोगों को संदेश दिया कि - हमारा जीवन तभी तक सुरक्षित है , जब तक पर्यावरण स्वस्थ्य रहेगा । जागरुकता रैली में सभी हिमवीरों , नागरिकों के अलावा डा.अशोक एरन , उप सेनानी राजेश मीणा , आर के बोहरा , सहायक सेनानी जीबी जोशी , सुखपाल सिंह , जगदीश प्रसाद चंदौलिया , विकास दहिया सहित तमाम अधिकारी शामिल थे ।