रतिया औऱ लधिया के संगम में जोड़ मेला शुरू
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
रतिया औऱ लधिया नदी के संगम में शुरू हुआ जोड़ मेला
-------------------------------
रिपोर्ट - uttarakhandhindisamachar.com
कुमाऊं - के चम्पावत जिला अंतर्गत रीठा साहिब में रतिया औऱ लधिया नदी के संगम में सिक्खों का पवित्र तीन दिवसीय जोड़ मेला शुरू हो चुका है । गुरु नानक देव की तपस्थली श्री रीठा साहिब में पूरे भारतवर्ष से श्रद्धालु मत्था टेकने यहाँ पहुंच रहे हैं । दिल्ली से आए कार सेवा प्रमुख बाबा सुरेन्द्र सिंह सहित तमाम लोग यहाँ व्यवस्थाओं में जुटे हुए हैं । इस दफा टनकपुर से दोपहिया औऱ चौपहिया वाहनों के लिए सूखीढांग - बुड़म मोटरमार्ग को दुरुस्त कर खोल दिया गया है , जिससे टनकपुर से रीठा साहिब की करीब 70 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी । गुरुद्वारा प्रबंधक बाबा श्याम सिंह के अनुसार मेले में अधिक भीड़ को नियंत्रित करने के लिए श्रद्धालु मत्था टेकने के बाद अपने गंतव्य को लौटते जा रहे हैं । गुरुद्वारे में 24 घंटे लंगर चल रहा है औऱ श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण का कार्यक्रम चल रहा है ।
■ श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रीठा साहिब पहुंचने तक कई स्थानों में चाय , पकौड़े , भोजन औऱ जलजीरा के लंगर लगे हुए हैं ।
■ यात्रियों को दिक्कत न हो इसीलिए जिला पुलिस द्वारा पुलिस गाइड तैनात किए हुए हैं जो यात्रियों का पूरा मार्गदर्शन करेंगे ।
● जिला पुलिस ने भीड़ औऱ यातायात को नियंत्रित करने के लिए विशेष पुलिस बल की तैनाती की हुई है जिसमें चम्पावत जिले के साथ - साथ नैनीताल औऱ उधमसिंह नगर जिले के पुलिस के जवानों की भी तैनाती की हुई है ।
● 42 सीटर से अधिक यात्रियों को ढोने वाली बसों को सूखीढांग - बड़म मोटरमार्ग में नहीं घुसने दिया जाएगा बल्कि उन्हें टनकपुर के कगराली गेट पर ही रोक दिया जाएगा ।
● सुरक्षात्मक दृष्टि से रात 8 बजे से सुबह 5 बजे तक वाहनों का आवागमन रोका जाएगा ।
● पूरा मेला क्षेत्र तीसरी आंख की निगरानी में रहेगा ।
● मेले के दौरान किसी भी प्रकार से नियमों का उल्लंघन न हो इसीलिए पुलिस ने सिविल ड्रेस में भी जवानों की तैनाती की हुई है ।
● रतिया औऱ लधिया के संगम में श्रद्धालुओं के नहाने की उचित व्यवस्थाएं की गई हैं ।
■ ये है मान्यता - सन 1501 ई में गुरुनानक देव अपनी यात्रा के दौरान श्री रीठा साहिब पहुंचे थे और उन्होंने अपनी दिव्य शक्ति से कड़वे रीठे के फलों को मीठा कर दिया था । तब से आज भी यहाँ रीठे के फल मीठे होते हैं और इन फलों को आज भी प्रसाद के रूप में दिया जाता है ।
■ ये भी मान्यता - गुरु नानक देव के रीठा साहिब आगमन के दौरान सिद्ध योगी गुरु ढेरनाथ बाबा भी अपने शिष्यों के साथ रीठा साहिब पहुंचे थे औऱ उन्होंने गुरु नानक देव से आध्यात्म पर चर्चा की थी । रीठा साहिब में गुरुद्वारे के पास ही गुरु ढेरनाथ बाबा का मंदिर भी स्थित है ।
■ कब होगी आपकी यात्रा पूरी - रीठा साहिब आने पर श्रद्धालुओं को मत्था टेकने के बाद गुरुद्वारा के पास में बने गुरु ढेरनाथ बाबा मंदिर में दर्शन अवश्य करने चाहिए ताकि उनकी यात्रा पूर्ण मानी जाय ।