जीवनदायिनी रतिया औऱ लधिया नदी के संगम में जोड़ मेले का समापन
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
आगामी वर्षों में एक माह तक चलेगा जोड़ मेला
● पर्यटकों की अधिक संख्या देखकर प्रबंधन समिति ने लिया यह निर्णय
● तीर्थ यात्रियों का मेहमान की तरह स्वागत करने पर सिक्ख संगत डीएम एवं एसपी का करेगी सम्मान
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रिपोर्ट - uttarakhandhindisamachar.com
कुमाऊं - के श्री रीठा साहिब में बैसाखी पूर्णिमा के अवसर पर रतिया औऱ लधिया नदी के संगम में आयोजित होने वाला 3 दिवसीय जोड़ मेला अब आगामी वर्षों में एक माह तक चलेगा । श्री रीठा साहिब की मैदानी क्षेत्रों से दूरी कम होने एवं गुरुघर में कड़वे रीठे में गुरु नानक देव महाराज द्वारा अपनी आध्यात्मिक शक्ति से उसमें जो मिठास भरी है , इस चमत्कार को देखने के लिए दुनिया के लोग यहां आने के लिए लालायित हैं । ऐसी स्थिति में यहां होने वाले मेले की अवधि आने वाले वर्ष में एक माह तक किया जाना महसूस किया गया । तीन दिनी जोड़ मेले में विशेषकर उत्तराखंड एवं यूपी की सीमा से लगे लोग ही सर्वाधिक आते हैं , जबकि देश के अन्य भागों एवं विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए मेले की कम समय सीमा परेशानी का सबब बन रही है । तीन दिवसीय जोड़ मेले में एक साथ भीड़ के आने से जिला प्रशासन व प्रबंध समिति द्वारा किए गए प्रबंध ध्वस्त हो जाते हैं । यह बात दिल्ली से आए कार सेवा प्रमुख बाबा बच्चन सिंह एवं बाबा सुरेंद्र सिंह ने कही । मेले की समाप्ति के बाद हुई धर्मगुरुओं की बैठक में बाबा सुरेंद्र सिंह ने कहा कि पहली बार उन्होंने नजदीक से मेले को देखा तथा देश-विदेश के तीर्थ यात्रियों की भावनाओं व गुरुद्वारे में उपलब्ध संसाधनों तथा प्रशासनिक उपायों का भी अध्ययन किया । जिसे देखते हुए आगामी वर्षों से यह मेला एक माह तक आयोजित किया जाएगा । इसी के साथ गुरुघर एवं यात्रा मार्ग में यात्रियों के लिए स्थाई सुविधाओं का विस्तार भी किया जाएगा । जिसका गुरुद्वारा प्रबंधक बाबा श्याम सिंह , नानकमत्ता के प्रबंधक बाबा हरविंदर सिंह , नानक पुरी टांडा के प्रबंधक बाबा गुरजंट सिंह आदि ने पूरा समर्थन किया । मेले में विभिन्न स्थानों से आई संगत के साथ बाबा सुरेंद्र सिंह व बाबा श्याम सिंह ने कहा कि पहली बार जिलाधिकारी नवनीत पांडे के नेतृत्व में जिला पुलिस व प्रशासन ने यहां की संगत का मेहमान की तरह जो स्वागत किया उससे हमारी भविष्य की उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं । बाबा सुरेंद्र सिंह ने कहा कि शीघ्र ही सिख संगत द्वारा जिलाधिकारी नवनीत पांडे , एस पी अजय गणपति के साथ उनके सहयोगियों का गुरुद्वारे में सम्मान समारोह आयोजित कर आभार जताया जाएगा । इसके साथ - साथ उनके सम्मुख भविष्य की योजनाओं पर भी चर्चा की जाएगी । सिक्ख संगत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा हमेशा सिक्ख समाज की भावनाओं से आत्मसात किया जाता रहा है , जिसे देखते हुए संगत उन्हें अपना संरक्षक मानते आ रही है । मुख्यमंत्री के द्वारा चंपावत को हिमालय राज्यों का मॉडल जिला बनाया जा रहा है , इसी दृष्टि से देश - विदेश के लोगों को आकर्षित करने के लिए गुरुद्वारा श्री रीठा साहिब को केंद्र बिंदु बनाकर लधिया घाटी का समग्र विकास किया जाए ।
■ अरदास एवं महाभोग के साथ शांतिपूर्वक संपन्न हुआ तीन दिनी जोड़ मेला
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श्री रीठासाहिब - यहां रतिया औऱ लधिया के संगम में तीन दिनी सालाना जोड़ मेले व गुरुघर में चल रहे अखंड पाठ की लड़ी का महाभोग के साथ समापन हो गया है । सुबह तड़के यात्रियों ने लधिया व रतिया नदी के संगम में बैसाखी पूर्णिमा के अवसर पर स्नान कर दरबार साहिब में मत्था टेका । गुरुद्वारे के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी हरविंदर सिंह ने शरबत की भलाई के लिए अरदास की । इस अवसर पर " जो बोले सो निहाल शत श्री अकाल " के उद्घोष से वातावरण गूंज उठा । महाभोग का प्रसाद ग्रहण करने से पूर्व सभी तीर्थ यात्रियों ने दिल्ली से आए कार सेवा प्रमुख बाबा बच्चन सिंह , बाबा सुरेंद्र सिंह , नानकमत्ता गुरुद्वारा के प्रबंधक बाबा रविंद्र सिंह , गुरुद्वारा रीठा साहिब के प्रबंधक बाबा श्याम सिंह से आशीर्वाद प्राप्त कर उनके हाथों से मीठे रीठे का प्रसाद ग्रहण किया । इससे पूर्व सिख संगत को संबोधित करते हुए बाबा सुरेंद्र सिंह ने कहा कि सिख गुरुओं ने दूसरों की भलाई के लिए ही जन्म लिया था व दूसरों की खुशी में ही अपनी खुशी तलाशते थे ।गुरुओं ने मानव सेवा , राष्ट्र की आन - बान और शान के लिए मर मिटने , शोषण व अत्याचार के खिलाफ संघर्ष करने की जो सीख दी हुई है , इस भावधारा को पीढ़ी - दर - पीढ़ी प्रवाहित किया जाना ही वास्तव में गुरुघर का संदेश है । सभी बाबाओं ने मेले के शांतिपूर्ण ढंग से संचालित करने के लिए जिला पुलिस व प्रशासन के साथ विभिन्न विभागों , विभिन्न स्थानों से आए कार सेवकों व स्थानीय लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया ।
■ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए तमाम जरूरतें अभी भी
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अगर श्री रीठा साहिब गुरुद्वारे में पर्यटन को बढ़ाना ही है तो इसके लिए रीठा साहिब गांव को भी विकसित करना होगा । रीठा साहिब गांव के बिना न पर्यटन का अस्तित्व है औऱ ना ही पर्यटकों का । रीठा साहिब गुरुद्वारे में पर्यटन को बढाने के लिए रीठा साहिब गांव का चयन कर इसे मॉडल गांव बनाना होगा । यहाँ के पुराने खपरैल की छत वाले घरों को संरक्षित करना होगा ताकि यहाँ की पहचान बनी रहे । यहाँ के खेत - खलिहानों को संरक्षित करना होगा जो यहाँ की सुंदरता में चार चांद लगाती हैं । यहाँ के लोगों को उन योजनाओं से जोड़ना होगा जिससे उन्हें स्वरोजगार करने में सहयोग मिले । यहाँ होम स्टे के लिए वृहत रूप से लोगों को जागरूक करना होगा । इस क्षेत्र के युवाओं को नेचर गाइड की ट्रेनिंग देकर स्वरोजगार से जोड़ना होगा ताकि यहाँ के युवा रीठा साहिब आने वाले पर्यटकों को आसपास पर्यटक स्थलों की एक श्रंखला बनाकर भ्रमण कराकर स्वरोजगार स्थापित कर सकें , औऱ इससे आसपास के पर्यटक स्थल भी पर्यटकों की नजर में आ पाएंगे जिससे जिले का पर्यटन बढ़ेगा ।