यहाँ देवराज इन्द्र ने अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया है
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
उत्तराखंड के मंदिर यहाँ की सांस्कृतिक विरासत की पहचान हैं । यहाँ के मंदिर लोगों की आस्था औऱ विश्वास का प्रतीक हैं । आज हम आपको लेकर चलते हैं उत्तराखंड के एक ऐसे मंदिर की ओर जो यहां की आस्था को समेटता है । हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के यूके 05 ( यूके जीरो फाइव ) यानी पिथौरागढ़ की । यहाँ शोरघाटी के लोग इस देवता को बारिश के देवता यानी वरुण देव के रूप में पूजते हैं । ये मंदिर पिथौरागढ़ शहर से 7 किलोमीटर दूर चंडाक नामक पहाड़ी पर स्थित है । मान्यता है प्राचीन काल में बारिश न होने के कारण इस इलाके में भयंकर अकाल पड़ा था । यहाँ के लोगों की आस्था औऱ विश्वास की कहानी सिर्फ शब्दों में बयां नहीं की जा सकती बल्कि इसे देखने के लिए नीचे दिया गया वीडियो देखें ।