तकदीर कैसे बदली जाती है , बुंगाफर्त्याल जाकर देखो
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
तकदीर कैसे बदली जाती है , बुंगाफर्त्याल जाकर देखो
कुमाऊं - आंखिर कैसे उपाध्याय दंपत्ति ने उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद नौकरी के लिए चप्पल घिसने के बजाय स्वयं को खेतों से जोड़कर स्वाभिमान से जीवन यापन कर पहाड़ के युवाओं की आंखें खोल दी , अगर ये सब आपने देखना है तो आइए कुमाऊं के लोहाघाट । लोहाघाट से 8 किलोमीटर दूर बुंगाफर्त्याल गांव में उपाध्याय दंपत्ति ने ये दिखा दिया कि आखिर मेहनत करने से कैसे तकदीर बदलती है । फौजी नारायण दत्त उपाध्याय के बेटे राकेश ने एमबीए करने के बाद अपने गांव की पुस्तैनी जमीन से नाता जोड़कर सब्जी उत्पादन , बागवानी , नर्सरी औऱ डेयरी शुरू की । इसके साथ - साथ गांव में एक होम - स्टे भी तैयार किया जहाँ से चमकते - दमकते हिमालय के दर्शन होते हैं । शिवध्वनी नाम के इस होम स्टे का शुभारंभ पूर्व विधायक पूरन सिंह ने किया । खेती , बागवानी प्रकृति की एक ऐसी देन है जहाँ एक दाना बोने के बाद सौ गुना वापस मिलता है । इसी सोच को माध्यम बनाकर राकेश ऊंची उड़ान भर रहे हैं । इस कार्य में उनकी पत्नी हेमा उपाध्याय उनका कंधे से कंधा मिलाकर बखूबी साथ दे रही हैं । हम आपको बता दें हेमा उपाध्याय कंप्यूटर साइंस में डिग्री धारक हैं । हेमा ने राकेश का साथ देकर आधुनिक जमाने की उन नव विवाहित दुल्हनों को भी आईना दिखाया है जो अपने पति से शहर में नौकरी करने औऱ वहीं बस जाने के लिए दबाव बनाती हैं । अब राकेश जड़ी - बूटी , मौन पालन , इंटीग्रेटेड औऱ वर्टिकल फार्मिंग का एक ऐसा मॉडल पेश करने वाले हैं जो युवाओं के लिए एक संदेश होगा । होम स्टे के शुभारंभ के अवसर पर राकेश दंपत्ति का उत्साहवर्धन करने के लिए देहरादून से डीएसओ मीनाक्षी जोशी , डेयरी के डॉक्टर अमित तिवारी , डॉ खान औऱ के एन कलोनी सहित तमाम लोगों ने राकेश दंपत्ति की पीठ थपथपाई । होम - स्टे के शुभारंभ पर आने औऱ उनका उत्साहवर्धन करने के लिए राकेश दंपत्ति ने सभी का स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया ।