शिक्षकों ने बर्बाद कर दिया कुमाऊं का ये स्कूल
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
शिक्षकों पर कार्यवाही , 7 शिक्षकों के बाद भी सभी विषयों पर फेल हुआ था छात्र ।
नैनीताल ( Nainital ) - जिले के ओखलकांडा के स्कूल में कक्षा 10वीं में एक छात्र ने परीक्षा दी थी । यहां एक छात्र को पढ़ाने के लिए सरकार ने पूरी व्यवस्थाएं की थी और विद्यालय में 7 शिक्षकों की तैनाती थी । सरकार की सारी व्यवस्थाओं के बाद भी यहां रिजल्ट चौंकाने वाला रहा था । शर्म की बात है कि , यहां छात्र सभी विषयों में फेल हो गया था । इस खबर को उत्तराखंड हिंदी समाचार ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था , जिसके बाद शिक्षा विभाग के लापरवाह शिक्षकों की लापरवाही की चारों ओर जमकर निंदा हुई थी । प्रधानाचार्य और शिक्षकों पर हुई कार्यवाही -
अब विभाग ने प्रधानाचार्य सहित 7 शिक्षकों पर कार्यवाही की है । विभाग ने प्रधानाचार्य और शिक्षकों को एडवर्स एंट्री देने का निर्णय लिया है । इसके साथ - साथ विद्यालय के वरिष्ठ सहायक को भी एडवर्स एंट्री दी जाएगी । एडवर्स एंट्री का अर्थ इनकी सेवा पुस्तिका में प्रतिकूल प्रविष्ट दर्ज की जाएगी । सेवा पुस्तिका में प्रतिकूल प्रविष्टि का सीधा अर्थ ये होगा कि , इन लोगों ने अपने कार्य के प्रति लापरवाही बरती है , जो किसी भी कर्मचारी के कैरियर पर एक धब्बा होता है ।प्रधानाचार्य के अधिकार छीने -
विभाग ने विद्यालय के प्रधानाचार्य के वित्तीय अधिकार छीन लिए हैं । अब प्रधानाचार्य के वित्तीय अधिकार निकटवर्ती अटल उत्कृष्ट राइंका पतलोट के प्रधानाचार्य को दे दिए गए हैं ।सीईओ ने कराई थी जांच -
विद्यार्थी के सभी विषयों में फेल होने के बाद नैनीताल के सीईओ गोविंद जायसवाल ने जांच कराई थी । जांच में पाया कि , शिक्षकों के बीच परस्पर समन्वय का अभाव रहा । इतना ही नहीं शिक्षक अधिगम के प्रति उदासीन भी रहे । बताया जा रहा है कक्षा 6 से 10 तक पढ़ रहे बच्चों का शैक्षिक स्तर भी संतोषजनक नहीं है ।शिक्षकों ने बर्बाद कर दिया विद्यालय -
10वीं कक्षा में छात्र के फेल होने के बाद , जांच अधिकारी ने कहा - शिक्षकों ने विद्यालय में पठन - पाठन को गंभीरता से नहीं लिया । इसी वजह से विद्यालय में छात्र संख्या कम है और शैक्षिक स्तर भी कमजोर है । स्थानीय लोग भी बताते हैं कि , शिक्षकों की लापरवाही से स्कूल बर्बाद हो चुका है , अब यहां छात्र पढ़ाई करने जाना ही नहीं चाहते हैं ।