एक व्यक्ति के खातिर जिला मुख्यालय में दिनभर पसरेगा सन्नाटा
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
प्रभारी मंत्री के द्वारा , तीसरी बार जिला मुख्यालय से बाहर जिला योजना की बैठक आयोजित करने से लोग हो रहे हैं परेशान । गुरुवार को जिला मुख्यालय में पसरेगा सन्नाटा ।
विपक्षी दलों को मिला चटपटा मशाला , सरकार पर खूब लगा रहे हैं आरोप ।
चम्पावत ( Champawat ) - जिले का इसे दुर्भाग्य कहें या फिर जिले के लोगों की नियति , क्योंकि राज्य में चाहे किसी भी दल की सरकार रही हो लेकिन 15 नवंबर 1997 को अस्तित्व में आए जिले को कोई ऐसा प्रभारी मंत्री नहीं मिला जो जिला योजना में जिले के लोगों की भावनाओं का प्रतिबिंब प्रदर्शित कर सके । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की परिकल्पना के मॉडल जिले चम्पावत में इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है , जब प्रभारी मंत्री की कार्य शैली ही नहीं बदली ? जिला योजना को नया रूप व स्वरूप मिलना चाहिए था , लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है । यह बैठक ऐसे समय में हो रही है , जब मैदानी क्षेत्रों में आग उगलने वाली गर्मी से लोग त्रस्त है । जबकि पहाड़ों का ऐसा खुशनुमा माहौल है , जहाँ मौसम में ठंडी बयार चल रही है । जिले के लोग कह रहे हैं , अगर ऐसा सुहावना वातावरण प्रभारी मंत्री को रास नहीं आ रहा है , तो यह कहा जा सकता है कि उन पर मुख्यमंत्री द्वारा जबरदस्ती कार्य का बोझ डाला गया है ।कई भाजपा नेता भी हैं नाखुश -
भाजपा के प्रति निष्ठावान एवं समर्पित कार्यकर्ताओं के द्वारा उनका नाम ना लिखने तथा अपनी पीड़ा मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की शर्त पर बताया कि , ऐसे हालातों के कारण ही सरकार का बना - बनाया टेंपो खराब होकर विपक्षी दलों को आरोप लगाने का चटपटा मौका मिल जाता है । उनका यह भी कहना है कि कौन क्या कर रहा है ? यह बात चुनाव में लोगों को एकाएक याद आ जाती है । बहरहाल लोगों का साफ़ कहना है , जब प्रभारी मंत्री ऐसे खुशनुमा माहौल में भी चम्पावत नहीं आ पाती हैं , तो मुख्यमंत्री को आम लोगों के हितों को देखते हुए इनको मिले दायित्यों का भार कम कर देना चाहिए , यही जनहित और भाजपा के हित में होगा ।