हादसा : चम्पावत के रीठा साहिब में मजदूर की डूबने से मौत , उठे कई सवाल
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
रिपोर्ट - मुख्य कार्यालय
चम्पावत ( Champawat ) - जिले से एक बेहद दुःखद खबर आ रही है , यहां जिले के रीठासाहिब गुरुद्वारे के समीप लधिया और रतिया नदी के संगम में एक मजदूर की डूबने से मौत हो गई । बताया जा रहा है , मजदूर संगम किनारे बन रही कार पार्किंग में कार्य करता था । निर्माणाधीन कार पार्किंग से करीब 100 मीटर दूर संगम में मजदूर की डूबने से मौत हो गई है । मिली जानकारी के मुताबिक मजदूर का नाम नवशाद बताया जा रहा है , जो सहारनपुर उत्तर प्रदेश का रहने वाला है । मजदूर को पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से संगम से निकाला गया और इलाज के लिए चौड़ा पिता अस्पताल ले जाया गया , लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया ।स्थानीय लोगों ने लगाया आरोप -
स्थानीय लोगों का आरोप है कि , गुरुद्वारे के समीप अस्थाई बांधनुमा तालाब बनाया गया है और इसकी गहराई बहुत अधिक है । इस तालाब में अक्सर डूबने का खतरा बना हुआ है । संभवतः मजदूर दिन में यहां पर नहाने गया होगा और डूब गया ।संगम की गहराई को भरने के लिए प्रशासन से कहेंगे -
रीठा साहिब गुरुद्वारा प्रबंधक बाबा श्याम सिंह ने बताया कि , संगम के समीप अत्यधिक गहराई है । जिसमें मजदूर के डूबने ने मौत हो गई । उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन से गहरे गड्ढे को भरने के लिए कहा जाएगा ।जिला प्रशासन पर भी उठ रहे हैं सवाल -
स्थानीय लोगों का कहना है , जोड़ मेला सिर पर है और प्रशासन कई बैठकें कर चुका है । प्रशासन का कहना है , मेले की व्यवस्थाएं अंतिम रूप ले रही हैं , लेकिन बड़ा सवाल तो ये है कि , आंखिर सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन का ध्यान इस ओर क्यों नहीं गया , जबकि यहां पहले भी कई लोगों के डूबने से मौत हो चुकी है । क्या प्रशासन को गुरुद्वारा प्रबंधन ने इस बात की जानकारी नहीं दी ? इतनी बैठकें होने के बाद भी इस घटना को सुरक्षा की दृष्टि से बड़ी चूक माना जा रहा है । जोड़ मेला शुरू होने वाला है और नदी के संगम में डूबने से पहले भी कई मौतें हो चुकी हैं , तो इस बात को प्राथमिकता में रखने के बजाय इस ओर ध्यान न देना इन तमाम हो चुकी बैठकों में पानी फेरने जैसा है ।शायद मजदूर तैरना नहीं जानता था -
नई जगह में पानी की गहराई का अनुमान न लगा पाने की वजह से शायद मजदूर नदी में डूब गया ।लोगों का कहना है , शायद मजदूर तैरना नहीं जानता था ।लोगों का कहना है , इस तालाब से बाहर निकलना होता है मुश्किल -
स्थानीय लोग बताते हैं , संगम पर बने तालाब में अगर कोई चला जाता है तो फिर उसके लिए बाहर निकलना मुश्किल होता है । लोगों का कहना है , पर्वतीय क्षेत्र में बारिश होने से घाटी की इस नदी में अगर नदी में अचानक पानी बढ़ने लगता है और पानी का बहाव तेज हो जाता है तो दोनों नदियों के संगम में नदियां एक दूसरे से टकराती हैं , तो पानी घूमने लगता है । अगर कोई कम तैराकी का अनुभव रखने वाला इस बीच में फंस जाता है , तो फिर उसका बाहर निकलना बेहद मुश्किल होता है । इसी तरह फंसने से यहां पहले भी कई लोगों की डूबने से मौत हो चुकी है । प्रशासन को इस बात का ध्यान रखना चाहिए और जोड़ मेले के दौरान ऐसा हादसा दुबारा न हो इसके लिए पुख्ता इंतजाम करने चाहिए ।तैराकी टीम की तैनाती की जा रही है - थानाध्यक्ष
इस मामले में जब उत्तराखंड हिंदी समाचार ने थानाध्यक्ष कमलेश भट्ट से वार्ता की तो , उनने बताया नदी किनारे चेतावनी बोर्ड लगाए जा रहे हैं और तैराकी टीम को भी तैनाती की जा रही है ।