भव्य कलश यात्रा , छोलिया नृत्य औऱ विशाल रथ यात्रा के साथ श्रीराम कथा शुरू
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
रिपोर्ट - वरिष्ठ पत्रकार लोहाघाट
कुमाऊं - के विश्व प्रसिद्ध माँ वाराही धाम में भव्य - दिव्य कलश यात्रा , छोलिया नृत्य औऱ विशाल रथ यात्रा के साथ विश्व कल्याण के लिए श्रीराम ज्ञान यज्ञ कथा शुरू हो गई है । कथा के पहले दिन हनुमान मंदिर से मुख्य बाजार होते हुए बाराही मंदिर तक कलश यात्रा निकाली गई । भव्य और दिव्य शोभायात्रा के आयोजन में मांगलिक परिधानों में काफी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया । सेतु आयोग के उपाध्यक्ष एवं दर्जा काबिना मंत्री राजशेखर जोशी द्वारा विश्व कल्याण एवं उत्तराखंड के लोगों की सुख , शांति एवं समृद्धि की कामना के साथ की जा रही इस विशाल कथा का वाचन करने के लिए बनारस से पुराणों के मर्मज्ञ कथावाचक अतुल कृष्ण भारद्वाज के साथ चित्रकूट से संगीत मंडली व अन्य संत यहां आए हुए हैं । सुबह राजशेखर जोशी एवं उनके अनुज मुख्य यजमान पंडित हेमचंद्र जोशी ने गणेश पूजन , कलश स्थापना , नवग्रह पूजन आदि पूजा अर्चना की । व्यास पूजन के साथ कथा का शुभारंभ हुआ । व्यास पीठ से प्रवचन करते हुए आचार्य ने वाराही धाम की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि जहां सद्बुद्धि , सद्विचार एवं संस्कार होते हैं , भगवान ऐसे लोगों को ही ऐसे पुण्य कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं । उन्होंने कहा भारत भूमि में जब-जब धर्म की हानि और अधर्म बढ़ने लगा , तब-तब मनुष्य रूप में भगवान स्वयं प्रकट होते रहे हैं । जो व्यक्ति स्वयं में दिव्य गुणों को लेकर आता है , उसे हंस कहा जाता है । यदि यही व्यक्ति इन्हीं गुणों से दूसरों को प्रभावित करता है तो वह परमहंस बन जाता है । नरेंद्र स्वामी विवेकानंद बन गए तथा उनके गुरु रामकृष्ण देव परमहंस । उन्होंने श्री राम कथा सुनने के महत्व को बताते हुए कहा कि कथा के आयोजक राजशेखर जोशी में वह दिव्य गुण विराजमान है , जिससे वह इस भव्य व दिव्य आयोजन के निमित्त मात्र बनकर लोक कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं । इस आयोजन में बाराही मंदिर कमेटी , चार खाम , सात थोक के अलावा क्षेत्रीय लोग पूरे श्रद्धा के साथ सहयोग कर रहे हैं । मंदिर कमेटी के संरक्षक लक्ष्मण सिंह लमगड़िया की देखरेख में सारी व्यवस्थाएं संचालित की जा रही हैं । बाराही कंस्ट्रक्शन की ओर से यहां भंडारा चला हुआ है । श्री राम कथा के कारण वाराही धाम में खूब चहल-पहल एवं पूरा वातावरण श्रीराम नाम के रस में डूबा हुआ है।