जानिए , क्या कहता है ये अनूठा श्री गंगा दशहरा द्वार पत्र
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
कुमाऊं - के चम्पावत जिला अंतर्गत लोहाघाट नगर निवासी भगवत पाण्डेय समाज तक संदेश पहुंचाने का नायाब तरीका ढूढ़ निकालते हैं । भारतीय संस्कृति , सभ्यता औऱ धार्मिक आस्था की मुख्य विरासत गंगा नदी के धरती पर अवतरण का पर्व श्री गंगा दशहरा 16 जून को मनाया जाएगा । कुमाऊं में दशहरा को दशार कहा जाता है । इस दिन लोग गंगा नदी व उसकी सहयोगी नदियों में स्नान - दान कर 10 पापों को हरने की प्रार्थना करते हैं । घरों के मुख्य द्वार पर लगाए जाने वाले श्री गंगा दशहरा द्वार पत्र को लोहाघाट नगर के ग्राम पाटन पाटनी निवासी साहित्यकार , पर्यावरण प्रेमी औऱ राजस्व विभाग में कार्यरत भगवत प्रसाद पाण्डेय अपने हाथ से बनाकर लोगों तक संदेश पहुंचाते हैं । इस बार उन्होंने कम होते जंगल , जंगलों में बढ़ती आग औऱ सूखते तालाबों को देखते हुए एक ऐसा द्वार पत्र बनाया है जिसके माध्यम से उनने लोगों से पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होने की अपील की है । इन द्वार पत्रों को उनके द्वारा अमेरिका , इंग्लैंड , फ्रांस औऱ बेल्जियम में रहने वाले अपने परिचितों भेजा जा रहा है । कई लोग उनके बनाए द्वार पत्र का कलर प्रिंट निकालकर अपने घरों में लगाकर उनके संदेश को अधिक लोगों तक पहुंचा रहे हैं । पर्यावरण के प्रति इतना सजग रहने वाले भगवत प्रसाद पाण्डेय की तरह सभी लोग पर्यावरण के प्रति सजग हो जाएंगे तो सूखते तालाबों , नदियों को बचाया जा सकता है , आग से जंगलों को बचाया जा सकता है , सूखते जलश्रोतों को दुबारा रिचार्ज किया जा सकता है , इतना ही नहीं ग्लोबल वॉर्मिंग के इस दौर को टाला जा सकता है ।