चिकित्सा पेशे की गरिमा औऱ गौरव को जिंदा रखे हुए हैं डॉ पुनेठा
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
उत्तराखंड - में एक ऐसा डॉक्टर भी है जो करीब ढाई लाख लोगों की धड़कन थामे हुए है । कुमाऊं के लोहाघाट निवासी ढाई लाख लोगों के दिलों की धड़कन थामे हृदय रोग विशेषज्ञ एवं फिजिशियन डॉ के के पुनेठा ऐसे चिकित्सक हैं जिन्हें धन से नहीं जन सेवा करने में ही आनंद की अनुभूति होती है । इनके ताऊ हरिकृष्ण पुनेठा उस दौर के ऐसे सरकारी अस्पताल के कंपाउंडर हुआ करते थे , जिनके पास भले ही मेडिकल की डिग्रियां नहीं थी लेकिन काम करते - करते उन्हें इतना अनुभव हो गया था कि स्वयं डॉक्टरों के परिवारजन तक उनसे अपने बच्चों का उपचार करने के लिए आया करते थे । बच्चों के उपचार की उन्हें महारथ हासिल थी । अपने पेशे की सेवा को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने अपने मेधावी भतीजे यानी के के पुनेठा जिसे वह अपना ही बेटा मानते थे , उसे चिकित्सा पेशे से जोड़ कर हृदय रोगों विषेशज्ञ बना दिया । डॉ पुनेठा को हृदय संबंधी रोगों का इतना ज्ञान है कि रोगी को यह जो दवा लिखते हैं उसी दवा को दिल्ली का हार्ट स्पेशलिस्ट काफ़ी जांच एवं हजारों रुपए लेकर लिखते है । इनकी प्रतिभा को देखते हुए इन्हें कई दफा दिल्ली , मुम्बई आदि स्थानों से हार्ट क्लिनिकों द्वारा उनके यहां सेवा करने के लिए बड़े-बड़े लुवाभने ऑफर आते रहे हैं । किंतु उन्होंने अपनों के बीच रहते हुए पहाड़ की सेवा करने का अपना लक्ष्य बनाया हुआ है । इन्हीं के कारण लोहाघाट की विशेष पहचान बनी हुई है । पिथौरागढ़ , अल्मोड़ा एवं चंपावत जिलों के हृदय रोगी पहले डॉ पुनेठा से परामर्श व उपचार करने आते हैं । इनकी बदौलत प्रतिवर्ष हार्ट रोगियों को नया जीवन मिलता रहा है । जाड़ों में हार्ट अटैक की अधिकता होती है , डॉक्टर पुनेठा ऐसे रोगियों को पहले ही सचेत कर उन्हें मौत के मुंह में जाने से बचाते आ रहें हैं । वास्तव में डॉ पुनेठा ने चिकित्सा पेशे की गरिमा को बनाया हुआ है ।
फोटो - डॉक्टर केके पुनेठा