जरा धीरे बोलो साहेब , ये मॉडल जिले की खटारा बसें हैं
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
कुमाऊं - के चम्पावत को मॉडल जिला बनाने की बात रोज अखबारों में पढ़ने को मिल रही है । लेकिन इस मॉडल जिले की खटारा बसें रोज रास्तों में खराब खड़ी मिल रही हैं । परिवहन निगम की बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों को फजीहत झेलनी पड़ रही है औऱ अब लोग बसों में बैठने से कतराने लगे हैं । बसों के खराब होने का ये सिलसिला लगातार जारी है और न जाने कब तक चलता रहेगा । मंगलवार को बरेली से लोहाघाट आ रही बस ने सिन्याड़ी में दम तोड़ दिया । बस ऐसे रूठ गई कि चालक को भी पहचानने से इंकार कर दिया औऱ चालक की लाख कोशिस करने के बाद भी बस स्टार्ट नहीं हुई । कई देर तक चले इस ड्रामे के बाद यात्रियों को दूसरी बस से लोहाघाट भेजा गया । काफ़ी देर बाद परिवहन निगम का मैकेनिक सिन्याड़ी पहुंचा और जैसे - तैसे बस को लोहाघाट पहुंचाने की कोशिस की लेकिन बस लोहाघाट पहुंचते - पहुंचते फिर ठप पड़ गई । यहाँ बस काफी देर तक बीच सड़क खड़ी रही औऱ खटारा बस ने जमकर यातायात प्रभावित किया । खटारा बसें ले डूबेंगी लोहाघाट डिपो को
अगर ऐसे ही पुरानी और बूढ़ी बसों को सड़कों पर दौड़ाया जाएगा तो लोहाघाट डिपो डूब जाएगा औऱ साल दर साल घाटे में चलता रहेगा । अधिकांश लोगों की मानसिकता तो बन चुकी है कि अब परिवहन विभाग की खटारा बसों में नहीं चढ़ना है लेकिन शेष बचे लोगों का जिस दिन मूड बदल जाएगा तो समझ लीजिए उस दिन डीजल के पैसे उसूल करने के भी लाले पड़ जाऐंगे । सावधान : कहीं लेने के देने न पड़ जाएं ऐसी खटारा बसों में सफर करना
लगातार लोहाघाट डिपो की खटारा बसें खराब हो रही हैं । कोई सड़क किनारे तो कोई सड़क के बीचोंबीच दम तोड़ रही हैं । इन हालातों को देखकर , चंद पैसे बचाने के लालच में अपनी उम्र पूरी कर चुकी इन बूढ़ी बसों में सफर करना कितना सुरक्षित होगा ये कहना बड़ा मुश्किल हो गया है । ऐसा तो नहीं कि , लगातार बसों का यूं बीच सफर में खराब होना किसी बड़ी दुर्घटना को आमंत्रित तो नहीं कर रहा है ?