हाथरस की घटना ने विश्व प्रसिद्ध बग्वाल मेले के आयोजकों की बढ़ाई चिंता
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
रिपोर्ट - गणेश दत्त पाण्डेय
इस वर्ष होने वाले बग्वाल मेले की व्यवस्थाओं को 8 जुलाई को जिलाधिकारी देंगे अंतिम रूप
कुमाऊं - में पाषाण युद्ध के लिए प्रसिद्ध चम्पावत अंतर्गत देवीधुरा के बग्वाल मेले के आयोजकों की हाथरस की घटना ने उनके आंख - कान खोल दिए हैं । हाथरस घटना को लेकर चार खाम , सात थोकों के लोगों के माथे में चिंता की लकीर खींच दी है । वैसे चारों खामों के लोग ऐतिहासिक बग्वाल में बग्वाली वीरों के बीच अनुशासन बनाए रखने एवं प्रत्येक खाम के बग्वाल खेलने वालों को शत प्रतिशत ड्रेस कोड का पालन करवाएंगे । इसके अलावा उन्हें मंदिर कमेटी की ओर से परिचय पत्र भी खामों के मुखिया जारी करेंगे। आयोजकों का मानना है कि सोशल मीडिया , प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आदि के माध्यम से यहां परमाणु युग में खेली जाने वाली पाषाण युद्ध ( बग्वाल ) को देखने की उत्सुकता अब सात समुंदर पार के लोगों को भी होने लगी है । बग्वाल के दिन यहां होने वाली भीड़ इस बात की गवाह बनती जा रही है कि अब देश-विदेश से लोगों की इस ओर आने के लिए कितनी रुचि बढ़ती जा रही है । इस वर्ष 16 से 26 अगस्त तक होने वाले बग्वाल मेले की व्यवस्थाओं को जिलाधिकारी नवनीत पांडे 8 जुलाई को जिला स्तरीय अधिकारियों की मौजूदगी में बैठक आयोजित कर व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देंगे । मेला कमेटी के अध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट के अनुसार हाथरस की घटना से मंदिर कमेटी के अलावा चार खाम सात थोकों के लोगों की जिम्मेदारियां काफी बढ़ा दी है ।
मेले से जुड़ी हुई है हमारी पहचान -
मेले के मुख्य संरक्षक एवं इसे ऊंचाइयों तक ले जा रहे लक्ष्मण सिंह लमगड़िया का कहना है कि हम बग्वाल मेले का ऐसा अनुशासित स्वरूप प्रदर्शित करना चाहते हैं , जिससे यहां बग्वाल देखने वाले लोग आने वाले वर्षों में और अधिक संख्या में इस ओर रुख कर सके । बग्वाल से जुड़ी हुई है हमारी धार्मिक आस्था -
गहड़वाल खाम के वयोवृद्ध खाम प्रमुख त्रिलोक सिंह बिष्ट कहते हैं कि बग्वाली वीरों में अनुशासन होना ही नहीं बल्कि हर हाल में दिखना भी चाहिए । भीड़ को नियंत्रित करने में हम सब की जिम्मेदारी होनी चाहिए । बग्वाल का व्यापक स्वरूप हमारा उत्तरदायित्व -
लमगड़िया खाम के युवा खाम प्रमुख वीरेंद्र सिंह लमगड़िया का कहना है कि बग्वाल में लगातार बढ़ती जा रही भीड़ से हम सभी का उत्तरदायित्व बढ़ गया है । सभी खामों के लोग अनिवार्य रूप से ड्रेस कोड का पालन करें । ड्रेस कोड से बग्वाली वीरों की होगी पहचान -
चम्याल खाम के प्रमुख गंगा सिंह चम्याल का कहना है कि , हर खाम के लिए अलग-अलग ड्रेस कोड लागू किया गया है । इससे अनुशासन बनाए रखने में मदद तो मिलेगी ही तथा बाहरी तत्वों को भी बग्वाल में आने से रोका जा सकेगा । हम सब मिलकर अच्छा प्रदर्शन करें -
वालिक खाम के मुखिया बद्री सिंह बिष्ट का कहना है कि बग्वाल हमारे पूर्वजों की ऐसी विरासत है जिसका हम जितना अच्छा प्रदर्शन करेंगे , उतना ही हमारी आस्था का भी प्रदर्शन होगा ।