कुमाऊं के लधियाघाटी क्षेत्र में बादल फटने से मची तबाही
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
सड़क के साथ पैदल संपर्क मार्ग , पेयजल योजनाएं एवं कई पुल ध्वस्त
कुमाऊं - के लधिया घाटी क्षेत्र के दूरस्थ गांवो में बादल फटने से यहां भारी तबाही मची हुई है । हालांकि अभी तक जनहानि का तो कोई समाचार नहीं है , अलबत्ता संपत्ति को काफी नुकसान हुआ है । लोगों के घरों तक मलवा आ चुका है औऱ क्षेत्र में जनजीवन ठहर सा गया है । घाटी के इस क्षेत्र में आई आपदा से हर कोई डरा हुआ है । लोग कह रहे हैं , अगर ऐसी बारिश फिर होती है तो यहाँ के लिए खतरे में पड़ सकते हैं । पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख मदन सिंह बोहरा के अनुसार यहां सड़क मार्ग , पैदल पुल ध्वस्त होने से जनजीवन ठहर गया है । उन्होंने बताया कि काफी उपजाऊ जमीन नालों के साथ बह गई है । घटवटी नाला , रौतंली नाला , घटखोला सरियाखाल , छेदखोला , एकहथिया नाला , तुसेरी नाले व जड़पानी गधेरे में बने पैदल पुल नालों में आए उफान के साथ बह गए हैं । हम आपको बता दें , लधियाघाटी क्षेत्र की जमीन बेहद उपजाऊ मानी जाती है लेकिन इस आपदा में नालों के साथ यहाँ की जमीन खुर्द - बुर्द हो गई औऱ बह गई है । चंद्रशेखर गड़कोटी के अनुसार क्षेत्र की सभी पाइपलाइनें बहने के कारण लोग नालों का पानी पीने को मजबूर हो गए हैं । प्रकाश गड़कोटी के मकान के आगे भयंकर भूस्खलन होने के कारण मकान खतरे की जद में आ गया है । पीएमजीएसवाई , पीडब्लूडी की सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा है । यहां खड़ी फसल खेतों के साथ बह गई है । मछयाड़ क्षेत्र से प्राप्त समाचारों के अनुसार यहां चार पैदल पुल समेत दो बाईकों के बहने के समाचार मिले हैं । लधिया नदी अभी उफान पर है । अभी तक पूरी क्षति का विवरण मालूम नहीं हो पाया है ।