सिने टॉकिज में दिखाई गई , जर्नी ऑफ़ इसरो
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
मुंबई - सिने टॉकिंज़ कोंकण प्रांत की मासिक संगोष्ठी में इस बार जर्नी ऑफ़ इसरो पर डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म दिखाई गई । सिने सृष्टि भारतीय दृष्टि हर महीने के आखिरी शनिवार को एक लघु फ़िल्म या डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन करता है । इस बार 27 जुलाई को ये कार्यक्रम आराम नगर वर्सोवा स्थित माँ स्टूडियो में संपन्न हुआ । इसरो यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन देश के चहुमुखी विकास का आधार है । इसरो की स्थापना आज से 75 साल पहले हुई थी । तब से लगातार इसरो देश के गौरव और मान , सम्मान का प्रतीक रहा है । इसरो क्या है ? देश की प्रगति से लेकर आम आदमी के जीवन को बेहतर बनाने में इसका क्या योगदान है ? इसमें काम करने वाले वैज्ञानिक किन चुनौतियों के साथ काम करते हैं ? चंद्रयान से लेकर मंगलयान तक देश को इसरो ने कितनी बार गौरव की अनुभूति कराई ? इन सारी बातों की सटीक जानकारी निर्देशक लेखक श्रीधर के. एस. ने अपनी फ़िल्म जर्नी ऑफ़ इसरो में दिखाने की सफल कोशिश की । श्रीधर जाने माने फ़िल्म मेकर हैं । उनकी फ़िल्में अपने शोधपरक मुद्दों के लिए देश विदेश के कई मंचों पर सराही जा चुकी हैं । कार्यक्रम की शुरुआत संस्कार भारती , कोकण प्रांत उपाध्यक्ष प्रमुख अरुण शेखर , वरिष्ठ पदाधिकारी संजय गोडसे , निर्माता निर्देशक उदय शंकर पाणि , ऋषिकेश जोशी , अभिनेता - नाटककार नन्द किशोर पंत के हाथों दीप प्रज्जवलन से हुआ । फ़िल्म की स्क्रीनिंग के बाद निर्देशक श्रीधर के साथ विमर्श सत्र का संचालन अरुण ने किया । इस सत्र में इसरो का भविष्य , इसकी चुनौतियां और वर्तमान उपयोगिता पर गंभीर चर्चा हुई । कार्यक्रम का संचालन सिने कलाकार तन्मय जहांगीर और धन्यवाद ज्ञापन संजय ने दिया। कार्यक्रम में चित्रपट विधा के संयोजक जगदीश निषाद , विवेक पांडे , फ़िल्म संपादक वंदिता चक्रदेव , स्टोरी बोर्ड आर्टिस्ट और सर्किल क्रिएशन फ़िल्म स्टूडियो के प्रमुख अजीत गौड , मार्केटिंग प्रमुख आकाश शुक्ला , सुधीर , कलाकार ज्योति जेलिया , रोशनी , श्रेया देब के साथ वरिष्ठ रंगकर्मी कलाकार कृष्णा उपाध्याय की उपस्थिति सराहनीय रही ।