जानिए , सिल्वर जीतने के बाद क्या बोली नीरज चोपड़ा की माँ
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
Neeraj Chopra Silver Medal in Paris Olympics 2024
नई दिल्ली - टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल हासिल करने वाले भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा को पेरिस ओलंपिक में सिल्वर मेडल से संतुष्ट होना पड़ा । उन्हें इस बार गोल्ड नहीं बल्कि सिल्वर मेडल मिला है , जिसके बाद उनकी माता की प्रतिक्रिया सामने आई है । हम आपको बता दें , जैवलिन थ्रो में सिल्वर मेडल जीतकर लगातार दो ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय ट्रैक और फील्ड खिलाड़ी बन गए हैं नीरज चोपड़ा । हालांकि इस मुकाबले में गोल्ड मेडल पर पाकिस्तान के अरशद नदीम ने अपना कब्जा जमाकर ओलंपिक में नया रिकॉर्ड कायम कर लिया है । इस रिजल्ट के पानीपत में रहने वाली नीरज चोपड़ा की मां सरोज देवी ने कहा , हम बहुत खुश हैं , हमारे लिए सिल्वर भी सोने के बराबर है । जो गोल्ड ले गया है वो भी हमारा लड़का है । मेहनत करके आया था और गोल्ड लेकर गया है । यहाँ हर कोई जीतने के लिए ही आता है और हर खिलाड़ी का दिन होता है । नीरज चोटिल हो गया था , इसलिए हम उसके प्रदर्शन से खुश हैं । नीरज चोपड़ा की माँ ने कहा , जब नीरज आएगा तो उसका फेवरेट खाना बनाऊंगी । इसके अलावा सिल्वर मेडल मिलने पर नीरज चोपड़ा के पिता सतीश कुमार का भी बयान सामने आया है । उन्होंने कहा हम प्रेशर नहीं डाल सकते हैं । हर किसी खिलाड़ी का दिन होता है , आज पाकिस्तानी एथलीट अरशद नदीम का दिन था , अरशद गोल्ड जीत पाए । उन्होंने कहा हम दूसरे ओलंपिक में जैवलिन में मेडल जीत पाए ये बहुत खुशी की बात है हम दूसरे देशों को फाइट दे रहे हैं । बता दें कि 26 साल के नीरज चोपड़ा का दूसरा थ्रो ही उनका एकमात्र सटीक थ्रो रहा । जिसमें उन्होंने 89.45 मीटर फेंका जो इस सत्र का उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो था । इसके अलावा उनके पांचों प्रयास असफल रहे । इससे पहले उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में 87.58 मीटर के थ्रो के साथ गोल्ड मेडल जीता था । अगर बात करें इस मुकाबले की तो पाकिस्तान के एथलीट अरशद नदीम ने नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाते हुए दूसरा थ्रो ही 92.97 मीटर का फेंका । उन्होंने छठा और आखिरी थ्रो 91.79 मीटर का लगाया । पाकिस्तान का 1992 बार्सीलोना ओलंपिक के बाद यह पहला ओलंपिक पदक है । इससे पहले दस मुकाबलों में नीरज चोपड़ा ने हमेशा अरशद नदीम को हराया था लेकिन फाइनल के इस मुकाबले में अरशद नदीम ने इतिहास रच दिया और पाकिस्तान की झोली में एक स्वर्ण पदक डाला ।