मॉडल जिले की चिकित्सा सुविधाओं के आने वाले हैं अच्छे दिन - सीएमओ
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
जिला चिकित्सालय में सात करोड रुपए लागत की आईसीयू मशीन का ट्रायल हुआ सफल
चम्पावत ( Champawat ) - वह दिन दूर नहीं जब रोगियों को रेफर करने , बाहर से दवाईयां व अन्य समान मंगाने की परंपरा समाप्त होने जा रही हैं । सीएमओ का कहना है , मॉडल जिले की चिकित्सा और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के अच्छे दिन आने वाले हैं । यदि सब कुछ ठीक - ठाक रहा तो गांव से लेकर जिला चिकित्सालय तक रोगियों को अस्पताल में ही सारी सुविधाएं मिलने लगेंगे । जिला चिकित्सालय में सात करोड़ से अधिक लागत की सिटी स्कैन मशीन का हर दृष्टि से ट्रायल सफल रहा है । शीघ्र ही मुख्यमंत्री द्वारा इसका शुभारंभ करने के बाद यहां सिटी स्कैन की लोगों को सुविधा मिलने लगेगी । अपने पद का कार्यभार ग्रहण करने के बाद जिले के पर्वतीय भू - भाग के चिकित्सालयों का निरीक्षण कर अब व्यवस्थाओं में सुधार की प्रक्रिया शुरू कर दी है । सीएमओ ने जिला चिकित्सालय में बंद पड़ी सिटी स्कैन मशीन का अपने सामने ट्रायल कराया गया तो वह हर दृष्टि से सफल रहा । डॉ चौहान के अनुसार जिला चिकित्सालय हो या उप जिला चिकित्सालय ऐसी व्यवस्थाएं की जा रही है कि रोगियों को रेफर करने , बाहर से दवाई व हड्डी रोग से संबंधित सामग्री मंगाना पूरी तरह बंद हो जाएगा । जिला व उप चिकित्सालयों में यूजर चार्ज के लिए अलग से काउंटर खोला जाएगा । जिससे चिकित्सालय को मिलने वाले राजस्व की वास्तविक तस्वीर सामने आएगी । सीएमओ ने बताया कि कुमाऊं के विभिन्न अस्पतालों से क्रमानुसार स्त्री रोग विशेषज्ञ की तब तक के लिए अस्थाई व्यवस्था कर ली गई है जब तक की स्थाई विशेषज्ञ जिले में नहीं आ जाते । लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय में डॉक्टरों के लिए नए आवासीय भवन प्रस्तावित करने के साथ यहां शीघ्र फिजिशियन , सर्जन और गायनी की व्यवस्था करने के साथ बेबी केयर यूनिट के अलावा टीकाकरण की अलग से व्यवस्था की जाएगी । जिला चिकित्सालय से एक फिजिशियन व दन्त रोग विशेषज्ञ यहां संबंध किया जाएगा । महिला रोगियों के बैठने के लिए टिन सैड का निर्माण किया जाएगा । उन्होंने बताया कि देवीधुरा में टाइप - 3 अस्पताल प्रस्तावित किया गया है । देवीधुरा , पाटी , खेतीखान में कुल मिलाकर व्यवस्थाएं ठीक है । यहां स्थानीय स्तर पर प्रसव भी कराएं जा रहे हैं । पाटी में रात्रि में होमगार्ड की तैनाती की पहल की जाएगी । उन्होंने बताया कि इसके बाद टनकपुर - बनबसा क्षेत्र के अस्पतालों का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं में सुधार किया जाएगा ।
अब देखना दिलचस्प होगा कि मॉडल जिले की चरमरा चुकी स्वास्थ व्यवस्थाओं को कितना दुरुस्त कर पाते हैं सीएमओ ।