दौड़ डिजिटल की लेकिन प्रारंभिक शिक्षा में कम्प्यूटर शामिल नहीं
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
देहरादून - आज का युग पूरी तरह डिजिटल होने की ओर अग्रसर है । हर कोई स्वयं को डिजिटल की दौड़ में पीछे नहीं रखना चाहता है । इसके साथ - साथ सरकार भी डिजिटल इंडिया बनाने की बात करती है । जब तक स्कूली शिक्षा में निचली कक्षाओं से ही इसकी शुरुआत न की जाय तब तक डिजिटल की दौड़ नहीं लगाई जा सकती है । अगर डिजिटल की दौड़ में उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाना ही है तो उत्तराखंड के प्रारंभिक स्कूली शिक्षा से ही कम्प्यूटर शिक्षा की शुरुआत करनी ही होगी । ठीक वैसे ही जैसे दिल्ली के सरकारी स्कूलों में आईटी और कम्प्यूटर की शिक्षा अनिवार्य कर दी गई है । देश के डिजिटल भारत के सपने को साकार करने के लिए प्रारंभिक कक्षाओं से ही बच्चों को तकनीकी ज्ञान देना बेहद आवश्यक हो गया है ।रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे -
जब इस विषय पर उत्तराखंड हिंदी समाचार ने उत्तराखंड के कई व्यावसायिक प्रशिक्षकों से अधिक जानकारी ली तो उनका कहना था , आईटी शिक्षा से शिक्षण प्रक्रिया को अधिक रोचक और प्रभावी बनाया जा सकता है । उनका कहना था कक्षा 3 से ही विद्यार्थियों को कम्प्यूटर ज्ञान दिया जाना चाहिए । आईटी कौशल वाले छात्रों के पास अन्य छात्रों की अपेक्षा भविष्य में अधिक रोजगार के अवसर होंगे । वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए हर भारतीय को उन्नत तकनीकी ज्ञान होना बेहद आवश्यक है । इसीलिए उत्तराखंड के प्राथमिक विद्यालयों में पाठ्यक्रम तैयार कर इसकी शुरुआत बेहद जरूरी है , कहीं ऐसा न हो कि डिजिटल की दौड़ में उत्तराखंड अन्य राज्यों की अपेक्षा पिछड़ न जाय ।