जितनी चकाचक बातें , उतनी चकाचक सड़क क्यों नहीं ?
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
चम्पावत ( Champawat ) - जिले के देवीधुरा में उत्तर भारत का सुप्रसिद्ध बग्वाल मेला शुरू हो चुका है । लेकिन यहाँ पहुंचने के लिए और माँ वाराही के दर्शन करने के लिए समस्या का सामना करना पड़ सकता है । यहाँ आ रहे नेताजी की बातें चकाचक थी , उनकी गाड़ी भी चकाचक थी । जिले के अधिकारियों की आवाजाही भी चकाचक थी । यहाँ सुरक्षा व्यवस्था भी चकाचक है , अन्य व्यवस्थाएं भी चकाचक नजर आ रही हैं लेकिन जिला मुख्यालय से जिले के माँ वाराही धाम देवीधुरा को जोड़ने वाली लोहाघाट - देवीधुरा सड़क खटारा है । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश हैं कि सड़कों को गड्ढा मुक्त किया जाए लेकिन जिले के लोहाघाट से माँ वाराही धाम देवीधुरा तक करीब 43 किलोमीटर के सफर में सैंकड़ों गड्ढे बने हुए हैं । अगर इन गड्ढों की गिनती शुरू की जाय तो ये आंकड़ा 1000 को भी छू सकता है । इस सड़क पर बने गड्ढे लम्बे समय से चिंता का विषय बने हुए हैं । सड़क पर जगह - जगह बने फ़ीट भर के गड्ढे लगातार हादसों को दावत दे रहे हैं । बताते चलें कि गड्ढों की वजह से कई बार दोपहिया वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं , औऱ सड़क पर बने गड्ढे कई बार चौपहिया वाहनों के एक्सीडेंट का भी सबब बन चुके हैं । बहरहाल अभी तक कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है , शायद जिसका इंतजार संबंधित विभाग कर रहा है । बताते चलें कि , यह मार्ग हल्द्वानी शहर को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है । और इस मार्ग पर लगातार वाहनों का आवागमन जारी रहता है । इतना ही नहीं बग्वाल मेले की तमाम मीटिंग के अवसर पर व मेले के शुभारंभ के अवसर पर इस मार्ग पर जिलाधिकारी , उपजिलाधिकारी , मुख्य विकास अधिकारी सहित तमाम अन्य अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का भी दौरा हुआ था । लेकिन शायद लग्जरी गाड़ी में बैठे होने की वजह से आलाअधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को फ़ीट भर के गड्ढों का भी पता नहीं चल पाया । लेकिन हुक्मरानों को इस बात का आभास होना काफी जरूरी है कि हर आम ब्यक्ति के पास लग्जरी गाड़ियाँ नहीं होती हैं । क्षेत्रीय जनता पैदल , दोपहिया व टैक्सी वाहनों से सफर करती है । औऱ इन गाड़ियों में लग्जरी गाड़ियों की तर्ज पर उच्च गुणवत्ता के शॉकर व सस्पेंस नहीं होते हैं । उत्तराखंड को पर्यटन हब बनाने व वाराही धाम को पाँचवे धाम की तर्ज पर विकसित करने वाली योजनाओं की बात करने वाली सरकार के जनप्रतिनिधि भी इस मोटरमार्ग पर बने गड्ढों की सुध नहीं ले रहे है । यहाँ सिर्फ सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की बातें चकाचक होती हैं , काम नहीं ।