वीडियो : चम्पावत के इस राइंका में बवाल , बच्चों को किया प्रताड़ित
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
चम्पावत ( Champawat ) - शिक्षा के अधिकार में बच्चों से जुड़े प्रावधानों में बच्चों को शारीरिक दंड देने और उनके मानसिक उत्पीड़न पर प्रतिबंध है । जिले के राइंका सूखीढांग में बवाल उस वक्त मच गया जब स्कूल के विद्यार्थियों को प्रताड़ित किया जाने लगा । विद्यार्थियों का कहना है उन्हें बलपूर्वक गलत ठहराया गया और प्रताड़ित किया गया । मामला 12 अगस्त का है , जब लंच के समय विद्यार्थी पास की दुकानों में जलपान के लिए गए तो बच्चों को एक स्थानीय व्यक्ति ने स्कूल की सीमा से बाहर करीब आधा घंटा रोक लिया । और आरोप है कि उनके साथ मारपीट की व गलत भाषा का प्रयोग किया गया । उसके बाद उस व्यक्ति द्वारा विद्यालय में घुसकर विद्यार्थियों को बिच्छू घास ( कंटीली व जहरीली झाड़ी ) लगाई गई । कपड़े हटा - हटाकर पीठ में बिच्छू घास लगाने का ये वीडियो खूब वायरल हो रहा है । गजब तो तब हो गया जब इस घटनाक्रम के समय विद्यालय के प्रिंसिपल भी साथ में थे । विद्यार्थियों को प्रताड़ित करने का ये कार्यक्रम करीब आधा घंटे से अधिक चला । विद्यालय की मीटिंग में ये सवाल उठाया गया तो प्रिंसिपल ने विषय को टाल दिया और अगली बार इससे भी कठोर दंडात्मक कार्यवाही की बात कही । बच्चों को मुर्गा बनाने , बिच्छू घास लगाने और अगली बार इससे भी कठोर दंड देने की बात कहने का वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है । अब विद्यार्थियों ने खंड शिक्षा अधिकारी से कार्यवाही की मांग की है । हम आपको बता दें , ये वीडियो जितना अधिक वायरल हो रहा है उतना ही शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं । अब मामला खंड शिक्षा अधिकारी के संज्ञान में आ चुका है , और विद्यार्थियों ने कड़ी कार्यवाही की मांग की है । विद्यार्थियों का कहना है आगामी वर्ष उनका बोर्ड परीक्षा वर्ष है और स्कूल में आकर बच्चों को प्रताड़ित करने वाले व्यक्ति की चेतावनी के बाद अब वह स्कूल में स्वयं को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं । अब सबसे बड़ा सवाल तो ये उठता है कि , आंखिर किसकी परमिशन से स्कूल में बाहरी लोग घुस रहे हैं ? इससे भी बड़ा सवाल ये है कि , प्रधानाचार्य की मौजूदगी में ये सब कैसे हो रहा था ? राइंका सूखीढांग में शिक्षा के अधिकार के प्रावधान के खिलाफ़ ऐसा क्यों हो रहा है ? क्या कहते हैं विद्यालय के प्रधानाचार्य -
उत्तराखंड हिंदी समाचार ने जब विद्यालय के प्रधानाचार्य से दूरभाष के माध्यम से वार्ता की तो उनका जवाब सब गोलमोल मिला क्योंकि वीडियो वायरल होने के बाद अब प्रिंसिपल की बोलती बंद है । लेकिन प्रिंसिपल ने स्थानीय व्यक्ति के द्वारा ऐसा किया जाना स्वीकारा है ।क्या कहते हैं खंड शिक्षा अधिकारी -
जब उत्तराखंड हिंदी समाचार ने दूरभाष के माध्यम से खंड शिक्षा अधिकारी से वार्ता की तो उनका कहना था , ऐसा कोई नियम नहीं है कि जो बच्चों के साथ शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न की अनुमति देता हो । विद्यार्थियों के साथ ऐसा किया जाना बहुत गलत है । इसकी जांच की जाएगी और विद्यालय के नियमों के खिलाफ कार्य करने व विद्यार्थियों को प्रताड़ित करने वाले लोगों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी - राधेश्याम खर्कवाल , खंड शिक्षा अधिकारी चम्पावत ।
वीडियो देखने के लिए नीचे दिया गया लिंक टच करें -
https://youtu.be/o9mNLVX5vMA?si=ew8rnUssijyzzAFT