हमारी ऊर्जा और देश की सीमाओं का सजग प्रहरी है हिमालय - कमांडेंट
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
हिमालय की रक्षा, सुरक्षा, मान-सम्मान को बचाने के लिए हिमवीरो ने लिया सामुहिक रूप से संकल्प ।
चम्पावत ( Champawat ) - जिले के लोहाघाट स्थित आइटीबीपी की 36वीं वाहिनी द्वारा हिमालय बचाओ अभियान का शुभारंभ करते हुए इस संबंध में व्यापक स्तर पर जनजागरण किया जा रहा है । अभियान का शुभारंभ करते हुए वाहिनी के कमांडेंट धर्मपाल सिंह रावत ने हिमवीरों को हिमालय की रक्षा की शपथ दिलाते हुए कहा कि हिमालय हमारे देश का सजग प्रहरी ही नहीं बल्कि हमारी संस्कृति , आचार - विचार , संस्कार के साथ चेतना व ऊर्जा का ऐसा स्रोत रहा है , जिसके सानिध्य का अनुभव करते हुए मानव , माहमानव बन गए । उन्होंने कहा हम कितने भाग्यशाली हैं कि आईटीबीपी की उत्पत्ति ही हिमालय की रक्षा - सुरक्षा व उसके अस्तित्व को बचाने के लिए ही हुई है । नगाधिराज हिमालय के शैल - शिखर हमें राष्ट्र के मान व स्वाभिमान के लिए मर मिटने की प्रेरणा देते आ रहे हैं । हिमालय की धवल आभा हम सब में नई प्रेरणा का संचार करती आ रही है । इसकी पवित्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसे देखने मात्र से हमारे विचार व दृष्टिकोण हमे उस अनंत की ओर ले जाते हैं , जिसने इस सृष्टि की रचना की है । कमांडेंट ने हिमालयी क्षेत्र में मानवीय दखल एवं प्रकृति के विरुद्ध आचरण किए जाने से हिमालय का बदलता स्वरूप हम सबके लिए प्रकृति की चेतावनी है । यदि हम प्रकृति के संकेत को नजरअंदाज करते गए तो भावी पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी । कमांडेंट द्वारा हिमालय बचाओ संकल्प की शपथ में वाहिनी की दावे , ढाकर , दर आदि अग्रिम चौकियो में तैनात जवानों ने भी साथ-साथ शपथ ली । इस मौके पर द्वितीय कमान अधिकारी सुबे सिंह , उप सेनानी संजय भारद्वाज , उप सेनानी शशि प्रताप , सहायक सेनानी गौरव कुमार , शुभम मोहनपुरिया , एम फिलिप , एस एम व जी एल वर्मा मौजूद थे । फोटो - हिमविरो को शपथ दिलाते हुए कमांडेंट , साथ मे सीमा में तैनात हिमवीर भी शपथ लेते हुए ।