सड़क की राह देख रहे गांव के कई बुजुर्ग अब नहीं रहे
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
सर्वे हुई , पिल्लर बने लेकिन शुरू नहीं हुआ सड़क का काम ।
कुमाऊं - के जनपद चम्पावत का सीमान्त क्षेत्र आज भी सड़क सुविधा की बाट जोह रहा है । सीमांत के दर्जनभर गावों को सड़क सुविधा न मिल पाने के कारण यहाँ जीवन इतना कठिन है , मानो जैसे यहाँ के लोग कड़ी सजा काट रहे हों । आज हम बात कर रहे हैं उन गावों की जहाँ सड़क की सर्वे हुई और पिल्लर भी बनाए गए लेकिन अभी तक सड़क का काम शुरू नहीं हो पाया है । हम बात कर रहे हैं मॉडल जिले के दूरस्थ गौलडांडा क्षेत्र की । बिनवाल गांव से गौलडांडा होकर छिड़ाखान नैनीताल को मिलाने वाली इस सड़क का सर्वे हो चुका है , पिल्लर बन चुके हैं लेकिन अब जनता जानना चाहती है कि इस सड़क पर कार्य कब प्रारंभ होगा । सड़क की राह देख रहे गांव के कई बुजुर्ग अब नहीं रहे -
ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2008 में इस सड़क को स्वीकृति मिली थी और ग्रामीणों ने सड़क का सपना पूरा होने की आस जगाई थी लेकिन सरकारों की उदासीनता के कारण ग्रामीणों का ये सपना आज पूरा नहीं हो पाया है । सड़क का सपना देख रहे कई बुजुर्ग व्यक्तियों ने अपने जीवन की अंतिम सांस तक ये सपना देखा लेकिन उसे पूरा होता नहीं देख पाए । वर्ष 2022 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी दर्जनभर गावों को जोड़ने वाली इस सड़क को बनाने की बात कही थी । हाल ही में एक बार फिर अंकित भट्ट भाजपा आईटी संयोजक चम्पावत के नेतृत्व में , भाजपा कार्यकर्ता डॉ सतीश बिनवाल , भवदेव बिनवाल सहित तमाम लोगों ने इस विषय पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन दिया था लेकिन सड़क का काम आज तक शुरू नहीं हो पाया । अगर सड़क बनती है तो ये 11 गाँव होंगे लाभान्वित -
इस सड़क के बन जाने से करीब दर्जनभर गावों को सीधा लाभ मिलेगा और इन गावों की दिशा व दशा बदलते देर नहीं लगेगी । गौलडांडा , बिनवाल गांव , तोला , पत्नाड़ा , कैंडीजार , बोलना , सुकौला , फुदड़की गौरी , कलियाधूरा और छिड़ाखान गावों को सीधा लाभ मिलेगा । ग्रामीण आज एक बार फिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर टकटकी लगाकर बैठे हैं और सड़क का सपना पूरा करने की मांग कर रहे हैं ।