यहाँ जल संकट से सूख रहे हैं हलक
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
कुमाऊं - के पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय में जल संकट गहरा रहा है । यहाँ लोग पानी की व्यवस्था में सुबह से शाम तक गधेरों और नौलों की ओर दौड़ लगाते दिखाई दे रहे हैं । ऐंचोली , खड़कोट , टकाना सहित तमाम स्थानों में पानी की किल्लत से लोगों परेशान हैं । चम्पावत की सिनका पेयजल लाइन से सैकड़ों लोग प्यासे -
मॉडल जिले के पाटी विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत रौलमेल के लिए पानी की सप्लाई करने वाली एकमात्र सिनका पेयजल लाइन ने सैंकड़ो लोगों के हलक सुखा दिए हैं । यहाँ हफ्तों बीत गए हैं लेकिन पानी की एक बूंद भी नहीं टपकी है । पानी की किल्लत के कारण यहाँ श्राद्ध पक्ष में लोगों को भोज कराने में पसीने छूट रहे हैं । लोग सुबह से शाम तक नौलों और गधेरों की दौड़ लगाने को मजबूर हैं । पानी की बूंद टपके अब हफ्तों बीत गए हैं लेकिन यहाँ अभी तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है । संबंधित विभाग के अपर सहायक अभियंता का कहना है , सिनका पेयजल लाइन में बीते 6 दिन से लगातार पेयजल लाइन को सुचारू करने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है । सोमवार तक ग्राम पंचायत में पानी की व्यवस्था सुचारू हो जाएगी ।बिरगुल में पेयजल भी संकट -
चम्पावत जिले के बिरगुल क्षेत्र में भी पानी की समस्या से लोगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । अब यहाँ लोगों को परेशान होते - होते एक सप्ताह से अधिक समय हो चुका है । यहाँ महिलाओं को खासा समस्या का सामना करना पड़ रहा है , घास कटाई के इस सीजन में महिलाएं घास कटाई करें या पानी की व्यवस्था । अल्मोड़ा में भी पेयजल की किल्लत -
लगातार बारिश के बाद भी जिले में जल निगम लोगों को पीने का पानी उपलब्ध नहीं करा पा रहा है । रानीखेत तहसील के गनियाद्योली क्षेत्र में लोगों के घरों में लगे नलों में पानी नहीं आने से लोग आक्रोश में हैं । क्षेत्र के लोगों ने जल संस्थान के खिलाफ एकत्र होकर उपजिलाधिकारी रानीखेत से मुलाकात की और समस्या से अवगत कराया । इसके साथ - साथ जल्द घरों में पानी न पहुंचने पर धरना और चक्काजाम की बात कही ।बागेश्वर में भी पानी की समस्या -
जिले की बैकोड़ी पेयजल योजना से किड़ई तथा पचार गांव को पांचवे दिन भी पानी नहीं मिला । यहाँ ग्रामीण पिछले पांच दिन से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं । जिलाधिकारी ने पिछले दिनों अधिकारियों को कम समय में समस्या के समाधान के निर्देश दिए थे , लेकिन इन गांवों के लिए यह निर्देश भी काम नहीं कर रहे हैं । योजना ध्वस्त होने के पांच दिन बाद भी कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो पाई है । इससे ग्रामीण परेशान हैं ।