यहाँ कूड़े के ढेर में मिलती हैं दवाएं
(Report - uttarakhandhindisamachar.com)
चम्पावत ( Champawat ) - जिले के अस्पतालों में आपको दवाएं नहीं मिलती हैं तो आप सीधे चले जाइए जिले के मानेश्वर डंपिंग जोन । यहाँ आपको कूड़े के ढेर में जमकर दवाएं मिल जाएंगी , बस आपको दवाओं की पहचान होनी चाहिए । अगर आपको दवाओं की पहचान नहीं है तो आप अपने किसी पहचान के फार्मासिस्ट दोस्त को साथ लेकर जाना । जी हाँ अब जिले के मानेश्वर डंपिंग जोन में भारी मात्रा में दवाईयां फेंककर उन्हें आग के हवाले करने की घटना चर्चा का विषय बनी हुई है । दवाओं को आग के हवाले करने से पूर्व वायरल हुए वीडियो से यह संकेत मिलता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न एजेंसियों एवं फाउंडेशनों द्वारा लगाई जा रहे शिविरों में यह दवाईयां आम लोगों तक न पहुंचाकर उनका डंपिंग जोन में निस्तारण किया गया है । हालांकि सीएमओ डॉ देवेश चौहान का कहना है की घटना की खबर वायरल होने के साथ ही उन्होंने संज्ञान लेकर जो जांच कराई है उसमें यह दवाई सरकारी स्टोरों से जारी नहीं होती है । इससे स्पष्ट है कि यह दवाएं अन्य एजेंसियों की होंगी । बताया जाता है कि जिले में कई एजेंसियां व फाउंडेशन द्वारा की जाने वाली निःशुल्क चिकित्सा शिविरों में डॉक्टर नहीं होते हैं और डॉक्टरों के अभाव में इन शिविरों में दवाएं बचना स्वाभाविक है । उससे इस शंका को भी बल मिल जाता है कि रोगियों को केवल कागजों में ही दवाई बांटी गई होगी । फैंकी गई दवाईयों में तमाम एक्सपायरी भी नहीं है । आखिर दवाओं को फेंकने की जरूरत क्यों हुई होगी ? क्योंकि दवा विक्रेता बगैर एक्सपायरी के फेंकते भी नहीं है । फिर एक्सपायरी दवाओं को ऐसे खुले में फैंकने का भी कोई नियम नहीं है । यह दवाईयां किसकी थी ? किसने फेंकी ? और क्यों खुले में फैंकने की नौबत आई ? इन सवालो का उत्तर ढूंढने के लिए जांच किया जाना आवश्यक है । इसी के साथ जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधीन ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य कर रहे एनजीओ पर भी नजर रखना जरूरी है कि क्या इनका कार्य सही ढंग से चल रहा है ? जिससे वास्तव में ग्रामीण क्षेत्र की जनता को लाभ मिल रहा होगा ।